विश्वविद्यालय लगातार दिला रहा है योग की शपथ, कुलपति ने संभाली कमान, कुशल/अकुशल कर्मचारियों से भी किया संवाद।

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गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने के लिए मुक्त विश्वविद्यालय ने लगाया जोर

टीएन शर्मा की रिपोर्ट

प्रयागराज। राजभवन, लखनऊ ने विश्व योग दिवस-2024 के अवसर पर विश्व में सर्वाधिक योग संबंधी शपथ का रिकॉर्ड बनाने के निर्देश मिलने के बाद प्रदेश का एकमात्र मुक्त विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय अपने लक्ष्य के बहुत करीब पहुंच चुका है। नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम की अभिप्रेरणा से विश्वविद्यालय के वर्तमान छात्र-छात्राओं के साथ ही पुरातन छात्रों में भी इस रिकॉर्ड में भागीदार बनने की ललक रंग दिखा रही है।
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय इस दिशा में गंभीर रूप से तैयारी शुरू कर दी है विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने विश्वविद्यालय परिसर क्षेत्र केदो एवं संबद्ध अध्ययन केदो से आग्रह किया है कि वह 17 लाख ऑनलाइन शपथ अभियान में शामिल होकर विश्वविद्यालय के शत प्रतिशत लक्ष्य में अपना योगदान करें, जिसे गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया जा सके।


कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने बताया कि राज भवन ने लगभग 17 लाख ऑनलाइन शपथ एक सप्ताह के अंतर्गत 12 जून से 18 जून 2024 तक की तिथि निर्धारित करके रिकॉर्ड बनाने हेतु ऑनलाइन शपथ का मार्ग प्रशस्त किया है उन्होंने बताया कि प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुल अधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में इस बनने वाले रिकॉर्ड को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज करने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों अधिकारियों कर्मचारियों पुरातन छात्रों विद्यार्थियों में उनके परिजनों से अनुरोध किया है कि वह https://rajbhawanyogapledge.in पर जाकर योग संबंधी ऑनलाइन शपथ में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय का नाम दर्ज कर रिकॉर्ड बनाने में अपना सहयोग करें कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से क्षेत्रीय केदो के समन्वयकों एवं प्रभारी से भी आग्रह किया कि वह इस अभियान में निर्धारित लक्ष्य को अवश्य पूरा करें उन्होंने बताया कि ऑनलाइन शपथ पूर्ण होने पर ऑनलाइन प्राप्त होने वाले प्रमाण पत्र को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 के समन्वयक एवं आयोजन सचिव के साथ साझा करें।


प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि पहले भी हम योग दिवस का आयोजन करते रहे हैं। यह दिवस केवल एक औपचारिकता नहीं होना चाहिए बल्कि यह दिवस अपने दृष्टिकोण को परिवर्तित करने के लिए है। जो अध्यापक हैं वह अपने विद्यार्थियों तक इस विचारधारा और दृष्टिकोण को प्रेषित करें। यही हमारा मुख्य उद्देश्य है।


प्रोफेसर सत्यकाम ने ‘मुझे चांद चाहिए’ उपन्यास का जिक्र करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्य एस्ट्रोनॉट हैं। आप जितने अच्छे एस्ट्रोनॉट होंगे, चांद उतना ही करीब होगा। प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि विश्वविद्यालय के 25 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। सभी लोगों ने इसे सींच कर बहुत आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय हम सब की मां है। जितनी ज्यादा से ज्यादा सेवा करेंगे उतना लाभ मिलेगा। भारतीय परंपरा में मां की सेवा का पुण्य लाभ ज्यादा से ज्यादा मिलता है। हमारा विश्वविद्यालय इन कार्यों के माध्यम से आगे बढ़ेगा।


उन्होंने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए गोद लिए गांव में भी टोलियां बनाकर लोगों को योग के प्रति अभिप्रेरित करने का निर्देश दिया। महिला अध्ययन केंद्र की सराहना करते हुए कहा कि केंद्र के सदस्य गोद लिए गांवों में जाएं और फील्ड वर्क करें। प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि वही विश्वविद्यालय तेजी से आगे बढ़ता है जिसमें अध्यापक पूरी संजीदगी,ईमानदारी और उत्साह से काम करते हैं। अध्यापकों को सबसे ज्यादा चिंता अपने विश्वविद्यालय की एवं विद्यार्थियों की होती है। हम विद्यार्थियों तक पहुंच जाएंगे, हमें इसकी उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जितना उत्साह सभी के अंदर लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर है उससे आशा जगती है कि हम लक्ष्य को अवश्य पार कर लेंगे।


कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कुशल एवं अकुशल कर्मचारियों से मुखातिब होते हुए कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय मातृस्थली भी है और कर्मस्थली भी है और यहीं से दाना पानी भी है। जहां दाना पानी होता है उस मिट्टी से विशेष लगाव होता है और उस मिट्टी को मस्तक पर लगाकर हम अपने कार्य में जुट जाना चाहते हैं। उन्होंने कर्मचारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि वह बहुत कर्मठ और कर्मशील हैं और अपनी योग्यता का 100% योगदान विश्वविद्यालय के कार्य में कर रहे हैं। कुलपति ने कहा कि अब एक बड़ा काम आ गया है। गिनीज बुक में उत्तर प्रदेश का नाम दर्ज होना है। इसके लिए विश्वविद्यालय की तरफ से हम सभी अपने लक्ष्य को भेदने में अपनी सकारात्मक ऊर्जा एवं सामाजिक प्रतिबद्धता का उपयोग करें और इस अभियान को सफल बनाएं।


इससे पूर्व कुलपति का स्वागत कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशकों एवं वरिष्ठ शिक्षकों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

AT Samachar
Author: AT Samachar

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