त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
Prayagraj: उत्तर मध्य क्षेत्र संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से तहसील स्तर पर आयोजित पांच दिवसीय बिरहा उत्सव के चौथे दिन शनिवार को सोरांव, प्रयागराज में बिरहा कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें लोक कलाकरों ने वीर रस में बिरहा गायन की प्रस्तुति देकर श्रोताओं से खूब तालियां बटोरी।
बाबू लाल भंवरा एवं दल ने अपनी गायकी के अंदाज में भक्ति रस में साहित्यिक बिरहा की प्रस्तुति धनुष का खंडन किये श्रीराम, खबर जा पहुंची अवधपुर धाम, समाचार सब लोगन पाई, घर-घर लागी होन बधाई तथा बारहौ बजनवा बाजई लागे। बरतिया राजा साजै लागे को पेश किया तो पूरा पंडाल भक्तिमय हो गया। इसके बाद दीनानाथ एव दल ने शिव ससुररिया के साज सजैवले डिमिक-डिमिक डमरू बजवलै तथा जगत जगनी, छोडे मईहर पहरिया की प्रस्तुति दी।
कौशांबी से पधारी आकांक्षा व साथी कलाकारों ने शारदा भवानी तोहरे… व अखिल जन्मदाता अमर प्रेम नाता विधाता से बढ़कर….को प्रस्तुत कर खूब वाहवाही पाई। जंगबली यादव एवं दल ने राजा हो चला संगम नहाय आई की प्रस्तुति दी।
संगत कलाकारों में रमेश कुमार ढोलक पर, करताल पर कामता प्रसाद, कोरस पर बेनी प्रसाद तथा हारमोनियम पर बाके लाल ने साथ दिया।