ब्यूरो चीफ एस.के. सिंह की रिपोर्ट
Ballia: भोजपुरी साहित्य विकास मंच एवं प्रगति शोध संस्थान कोलकाता पश्चिम बंगाल के संयुक्त तत्वावधान में “भोजपुरी का भाषा वैज्ञानिक सन्दर्भ एवं आठवीं अनुसूची” विषयक दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सेमिनार एवं पुस्तक लोकार्पण समारोह का आयोजन आगामी 14-15 दिसम्बर को किया जा रहा है।जिसमे देश विदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों महाविद्यालयों के व्याख्याता, उद्भट विद्वान, शोधार्थी,साहित्यकार,कलाकार,रंगकर्मी एवं छात्र छात्राएं प्रतिभाग करेंगे।
उक्त समारोह में चयन समिति द्वारा ख्यातिलब्ध शिक्षाविद डॉ विद्यासागर उपाध्याय का चयन “साहित्य श्री” सम्मान हेतु किया गया है तथा संबंधित विषय पर व्याख्यान हेतु मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम के प्रथम दिवस के मुख्य अतिथि क्वांग तोंग विश्वविद्यालय के एसोशिएट प्रोफेसर डॉ विवेक त्रिपाठी होंगे।
नेपाल और मॉरीशस के भोजपुरी भाषी विद्वत जन के अतिरिक्त पश्चिमी देशों के भी भोजपुरी साहित्य की महान विभूतियां पधार रही हैं। डॉ उपाध्याय ने बताया कि भोजपुरी साहित्य विकास मंच जमीनी स्तर पर काम कर रहा है। पूरी दुनिया में करोड़ों लोगों द्वारा बोली जाने वाली भोजपुरी भाषा को संवैधानिक पहचान दिलाने हेतु आठवी अनुसूची में जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध यह संस्थान केवल कोरम पूरा नहीं करता अपितु देश विदेश के प्रख्यात भोजपुरी भाषी विभूतियों को एक मंच पर लाकर एक सार्थक पहल कर रहा है।
प्रतिष्ठित “साहित्य श्री” सम्मान हेतु डॉ विद्यासागर उपाध्याय का चयन होने पर डॉ अखिलेश शुक्ला देवरिया, डॉ अरविन्द पाण्डेय देवरिया, डॉ विजय प्रकाश कुशवाहा देवरिया, डॉ ललित शर्मा डिब्रूगढ़, डॉ जनार्दन राय बलिया, डॉ रामजन्म मिश्रा भागलपुर, डॉ वीरेन्द्र कुमार यादव सिवान, डॉ नागेंद्र भट्ट आरा, डॉ अमित केशरी बक्सर, डॉ गणेश प्रसाद मऊ, डॉ मनोज राय आजमगढ़, डॉ कामेश्वर उपाध्याय वाराणसी, डॉ अंजनेय शुक्ला गाजीपुर, डॉ त्रिभुवन सिंह मधुबनी, डॉ स्मिता शर्मा समस्तीपुर, डॉ मदन मोहन गोरखपुर, डॉ उमेश द्विवेदी कुशीनगर, डॉ ब्रजेश यादव पश्चिमी चंपारण, डॉ नवनीत सिंह प्रयागराज, डॉ नागेंद्र पाण्डेय भोजपुर, डॉ मन्नु यादव चंदौली आदि विद्वानों ने बधाई दिया।