टीएन शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित 30 दिवसीय प्रस्तुति परक बाल नाट्य कार्यशाला का समापन अवसर पर रविवार को बाल कलाकारों ने अपने हुनर से हर किसी का ध्यान खींचा। सांस्कृतिक केंद्र परिसर में प्रशिक्षित बच्चों द्वारा सुन्दर लाल छाबड़ा के निर्देशन में थियेटर इन एजुकेशन के माध्यम से नाटक नन्हें नकलची का हास्यपूर्ण मंचन किया।
नाटक में दिखाया गया है कि दूसरों की नकल करना यानी मिमिक्री करना एक हद तक सही भी है क्योंकि इससे देखने वालों को मजा आने के साथ-साथ, जिसकी नकल की जा रही है वो अगर सामने भी होता है तो उसको मजा ही आता है, लेकिन जब यही नकल दूसरों को तंग करने के लिए किया जाए तो ठीक नहीं है। इसी के साथ अरुणा शेट्टी के निर्देशन में नाटक ट्रिन-ट्रिन का भी मंचन किया गया। वर्तमान में मोबाइल की समस्या को इस नाटक के माध्यम से बच्चों ने एक ज्वलंत प्रश्न खड़ा किया। छोटा हो, बड़ा हो, बूढ़ा हो, जवान हो, गरीब हो, अमीर हो, शहर का हो या गांव का फोन सबके पास है हम चाह कर भी इससे दूर नहीं जा सकते। मोबाइल पहले हमारी जरूरत थी अब आदत बन गयी है। इस नाटक में सभी बाल कलाकारों ने अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया।
इस मौके पर केंद्र निदेशक प्रो.सुरेश शर्मा ने मुख्य अतिथि सुषमा शर्मा को तुलसी का पौधा व अंगवस्त्र भेंट किया तथा प्रशिक्षकों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन हिमानी रावत ने किया। इस अवसर पर केंद्र के अधिकारी, कर्मचारी सहित काफी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।