टीएन शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। संगम के तट अरैल घाट पर उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित तीन दिवसीय गंगा दशहरा उत्सव तीसरी निशा प्रियंका चौहान व प्रतिमा यादव के नाम रही। उन्होंने एक से बढ़कर एक लोकगीत प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच पर पहुंचते ही दर्शकों ने प्रियंका चौहान का तालियों से जोरदार स्वागत किया।
कार्यक्रम की शुरूआत उन्होंने हे गंगा मईया तोहरे पिईरी चढ़ाइबे, शिवनाथ सब तेरी महिमा तीन लोक गाये की प्रस्तुति देकर पूरे वातावरण को भक्तिमय कर दियाl इसके बाद प्रतिमा यादव व साथी कलाकरो ने गंगा स्तुति “गंगा कै निरमल बा पानी बलम तनी दर्शन करायदा हो” गीत की प्रस्तुति दी। “अइसन मनोहर मंगलमूरत” व “सरिया लइदा बलम कलकतिया” गीत पर लोकनृत्य प्रस्तुत कर खूब वाहवाही पायी। भजन व लोकगीत गायिका मोहनी श्रीवास्तव ने “मिली सबव जन करो कुछ उपाय कि गंगा बहती रहे, “गंगा में कई स्ननवां सजन करब माई के पूजनवां हो” तथा “चलो देख आई सखी अयोध्या की नगरी” की प्रस्तुति देकर पूरे वातावरण को राममय कर दिया।
ढोलक पर राजेंद्र चौधरी, पैड पर अमित सिंह, आर्गन पर शैशव गुप्ता ने तथा गायन में आरोही सिंह ने साथ दिया। इस अवसर पर केंद्र अधिकारी, कर्मचारी सहित काफी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।