टीएन शर्मा की रिपोर्ट
टंडन जी की स्मृति में मुक्त विश्वविद्यालय में एक माह तक होंगे विविध आयोजन।
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय UPRTOU प्रयागराज में राजर्षि टंडन की पुण्यतिथि पर कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने विश्वविद्यालय के 36 कर्मयोगियों को अंगवस्त्रम प्रदान कर सम्मानित किया। कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा विश्वविद्यालय कि ये कुशल एवं अकुशल कर्मचारी अपने कठिन श्रम के माध्यम से विश्वविद्यालय में अपना योगदान देते हैं। राजर्षि टंडन के स्मृति दिवस पर विश्वविद्यालय इन कर्मचारियों का सम्मान करके राजर्षि टंडन जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि व्यक्त करता है।
प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि विश्वविद्यालय को राजर्षि टंडन जी के मार्गदर्शन पर चलना होगा तभी हम उनके सपनों को साकार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राजर्षि टंडन जी मातृभाषा की बात करते थे और आजादी के बाद लोग अपनी मातृृ-भाषा को भूलते जा रहे हैं। नई शिक्षा नीति में मातृभाषा पर विशेष बल दिया गया है जो राजर्षि टंडन के आदर्शों के अनुरूप है।
कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने इस अवसर पर घोषणा की कि राजर्षि टण्डन जी के जन्मदिन तक पूरे एक माह के लिए विभिन्न प्रकार के आयोजनों की श्रृंखला प्रारंभ की जा रही है। जिसमें निबंध प्रतियोगिता, राजर्षि टंडन चित्रात्मक प्रतियोगिता एवं उनसे संबंधित व्याख्यान आयोजित किए जाएंगे तथा विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। उन्होंने आज से ही राजर्षि टंडन के नाम परिसर में एक पौधा लगाने की भी शुरुआत की।
मंचासीन विज्ञान विद्या शाखा के निदेशक प्रोफेसर आशुतोष गुप्ता ने कहा कि राजर्षि टंडन हिंदी के सच्चे हिमायती थे। उन्होंने हिंदी को एक अलग पहचान दिलाई। राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय उनके दिखाएं मार्ग पर चलने के लिए कृत संकल्पित है।
राजर्षि टंडन स्मृति दिवस के बारे में संयोजक प्रो.एस कुमार ने जानकारी दी एवं अतिथियों का स्वागत किया। इसके उपरांत राजर्षि टंडन जी के बारे में विश्वविद्यालय के शोध-छात्रों अंबुज पाण्डेय, दिलीप श्रीवास्तव, सत्येंद्र कुमार, लवप्रीत, नित्या, शिवा, सौम्या तिवारी एवं कौमुदी शुक्ला ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के अगले चरण में विश्वविद्यालय के अध्यापकों डॉ. आनन्दानन्द त्रिपाठी, डॉ. सी के सिंह, प्रो. छत्रसाल सिंह, डाॅ. देवेश रंजन त्रिपाठी, डाॅ. अमित सिंह एवं डाॅ. अतुल मिश्रा ने राजर्षि टंडन जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में विचार व्यक्त किये।
स्मृति सभा का संचालन डॉ देवेश रंजन त्रिपाठी एवं धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया।