बुलंदशहर। जनपद के नगर स्थित कैलाशपुरी निवासी सुरेश भाटी ने बताया कि बीते माह मई में बेटी जानवी भाटी का नगर के गांधी बाल निकेतन इंटर कॉलेज में आर्ट साईड से 11वी कक्षा में प्रवेश कराया था, लेकिन जून माह छुट्टियां खत्म होने के बाद स्कूल का सेशन चालू हुआ तो पुत्री एक जुलाई से स्कूल पढ़ने जाने लगी, तो पुत्री ने अपने पिता सुरेश भाटी से सब्जेक्ट चेंज कराने को बोला।
वही पीड़ित सुरेश भाटी ने बताया कि वह बुधवार की सुबह बेटी के स्कूल गांधी बाल निकेतन इंटर कॉलेज पहुंचे तो स्कूल स्टाफ से मिले तो स्कूल स्टाफ/टीचर्स द्वारा बताया गया कि संकाय चेंज करने के लिए आपको 2500 रुपए एडमिशन चार्ज व 850 रुपए प्रति माह फीस के रूप में देने होंगे। इस बात को लेकर पीड़ित पिता स्कूल स्टाफ से बोला कि उनको इस मामले की जानकारी प्रिंसिपल से करनी है, लेकिन स्कूल स्टाफ ने प्रिंसिपल से मिलवाने को ही मना कर दिया और स्टाफ द्वारा बोला गया कि अगर आप एडमिशन चार्ज 2500 रुपए और 850 रुपए प्रतिमा माह और 4 महीने की फीस एडवांस में दे सकते हो तो ही आपकी पुत्री को यहां पर पढ़ा सकते है।
सुरेश भाटी द्वारा स्टाफ से पूछा गया कि जो पैसे वो एडमिशन और फीस के देंगे तो क्या उनको इसकी रसीद स्कूल स्टाफ द्वारा दी जाएगी तो स्टाफ द्वारा रसीद देने से भी इनका कर दिया। इस मामले की जानकारी स्कूल की प्रिंसिपल से सुरेश भाटी द्वारा फोन द्वारा की गई तो स्कूल की प्रिंसिपल ने उल्टा बेटी का एडमिशन ही कैंसल कर देने और और आगे बेटी को ना पढ़ाने के लिए ही बोल दिया।
वही जब पीड़ित ने इसकी शिकायत जिला विद्यालय निरीक्षक से की तो जिला विद्यालय निरीक्षक ने कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लीपापोती की। और बोला गया कि आपको एडमिशन चार्ज और फीस देना ही पड़ेगा। दोपहर बाद पीड़ित सुरेश भाटी की पुत्री जानवी भाटी बुधवार को जब स्कूल से घर वापिस पहुंची तो घर पहुंचकर रोने लगी और परिजनों को बताया कि स्कूल टीचर्स द्वारा उसे स्कूल से निकाल दिया गया है, जिसको लेकर वह काफी तनाव में है। और पुत्री को 11वी क्लास में हुए प्रवेश में जमा किए गए फॉर्म व एडमिशन के वक्त लिया गया शुल्क 950 रुपए वापिस कर दिए गए।
अब सोचने वाली बात है कि सरकार द्वारा बेटी पढ़ाओ बेटी स्कूल चलो अभियान वाले क्यों पलीता लगा रहे हैं। उस बेटी का क्या गुनाह है जिसको स्कूल से नाम काट कर निकाल दिया गया है। कैसे एक बेटी आगे पढ़ाई कर सकती है। स्कूल द्वारा बताया जाता है की सरकार से उनको टीचर्स नहीं मिलते हैं तो प्राइवेट टीचर्स लगा रखे हैं जिनके लिए सुविधा शुल्क के नाम पर फीस वसूल की जाती है, जिसकी परिजनों को रसीद तक नहीं दी जाती है।
पीड़ित ने इसकी शिकायत जनपद के आला अधिकारियों से लेकर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से की है। अब देखना होगा कि ऐसे स्कूल और स्टाफ पर कार्यवाही कब होगी। जो सीधा-सीधा बेटियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। अब बात करें जनपद के स्कूलों की शिक्षा की। तो जनपद भर में सरकारी स्कूल से लेकर प्राइवेट स्कूलों तक की शिक्षा का तो हाल यही है। जो फीस के नाम पर एडमिशन के नाम पर मोटा चार्ज वसूलते है। अब बात करे किताबो की और ड्रेस की तो प्राइवेट स्कूलों द्वारा तो मोटा कमीशन दुकानों से लिया जाता है। जो अभिवावको पर ही पड़ता है। सरकार द्वारा इस तरफ ध्यान कब दिया जाएगा। जनपद के आला अधिकारियों से अभिभावकों द्वारा कितनी बार शिकायत की जाती रही है लेकिन आज तक स्कूलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
इस मामले में गांधी बाल निकेतन कन्या इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य से बात की गई तो उनका कहना है कि हम इस बच्चे को नहीं पढ़ा सकते है, पूछा गया की वजह क्या है तो उनका दो टूक जवाब कि स्कूल मैनेजमेंट का फैसला है कि इस लड़की को अपने स्कूल में ना पढ़ाया जाए। इसलिए इस बच्चे का नाम स्कूल से काटा जा रहा है, और बोला कि इस बच्चे को अब हम अपने स्कूल में आगे नहीं पढ़ा सकते है ।