टीएन शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। विद्युत लॉबी प्रयागराज के लोको पायलट क्लास-रूम में संरक्षा-संवाद का आयोजन किया गया। संरक्षा-संवाद विद्युत- परिचालन विभाग के कुल 32 रनिंग कर्मचारियों ने भाग लिया।
संरक्षा-संवाद में रेल परिचालन के दौरान में लाल सिग्नल को पार और अन्य दुर्घटनाओ पर बिंदुबार चर्चा की गयी, बरसात के मौसम से सम्बंधित निम्न विषयो पर काउंसलिंग किया गया।
1. लाल सिगनल को बिना बिना उचित प्राधिकार के पास करना एक “H” क्लास की दुर्घटना है। लाल सिगनल के आगे गाड़ी खड़ी होने पर टक्कर भी हो सकती है, जिससे “A” क्लास की दुर्घटना हो सकती है, टक्कर के साथ-साथ गाड़ी में आग लग सकती है, जिससे “B” क्लास की दुर्घटना हो सकती है, यह घटना समपार पर हो सकती है, जिससे “C” क्लास की दुर्घटना हो सकती है, स्पैड (SPAD-Signal Passing at Danger) के बाद गाड़ी का अवपथन हो सकता है,जिससे “D” क्लास की दुर्घटना हो सकती है । इस तरह स्पैड की दुर्घटना होने से कई क्लास में बदल जाते है।
2. रेलवे में गाड़ी संचालन के दौरान हमेशा सिस्टम, सिगनल और अथॉरिटी का पालन करना चाहिए।अगर इसका का पालन नही किया जाता है तो इसे दुर्घटना कहते है।
3. गाड़ी का संचालन करते समय हमेशा इंजन का प्रकार,लोड का प्रकार,गाड़ी का ब्रेक पावर, ट्रैक, ग्रेडिएंट, ओ.एच.ई. कर्व, स्पीड, सिगनल तथा सिगनल की दूरी पर विशेष ध्यान देना चाहिये।
4. लाल सिगनल पर पहुचने से पहले दो पीला पर “सावधान हो जाये, एक पीला पर सतर्क हो जाये, तथा लाल सिगनल आने से पहले गाड़ी को स्टॉप करना चाहिए।
5. हमेशा सिगनल आस्पेक्ट के अनुसार ही गाड़ी की गति रखनी चाहिये।
6. इंजन/गाड़ी से जर्क लगने पर लोको पायलट की ड्यूटी क्या है ,एवं वगल वाली लाइन का बचाव कैसे करते हैं।
संरक्षा-संवाद में संरक्षा सलाहकार चन्द्रिका प्रसाद ने उपरोक्त सभी बिषयो पर संरक्षा-क्लास तथा प्रश्नोत्तरी के माध्यम से बिस्तार से समझाया। संरक्षा-संवाद में मुख्य लोको निरीक्षक लालजी भारती, वरिष्ठ क्रू नियंत्रक एस. के. शर्मा, क्रू नियंत्रक आर. के. सिंह एवं एस. के. मिश्रा प्रयागराज भी उपस्थित थे।