टीएन शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा 12 से 18 अगस्त के बीच एंटी रैगिंग सप्ताह आयोजित करने के निर्णय के अंतर्गत एंटी रैगिंग समिति द्वारा वेबीनार का आयोजन किया गया।
रैगिंग मुक्त परिसर, मित्रता युक्त परिसर विषयक वेबीनार के मुख्य वक्ता प्रोफेसर सत्यपाल तिवारी, निदेशक, मानविकी विद्या शाखा ने कहा कि रैगिंग सभ्य समाज के लिए अभिशाप है। भारत में आजादी के बाद रैगिंग की शुरुआत दिखाई पड़ती है। उन्होंने कहा कि छात्रा का मानसिक शारीरिक भाषा जाति के आधार पर किया गया किसी भी प्रकार का भेदभाव जिससे उसको शारीरिक व मानसिक रूप से आघात पहुंचता है, रैगिंग की श्रेणी में आता है। सरकार ने 1970 से इस पर ध्यान देना शुरू किया। रैगिंग को रोकने के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था की बात की गई है। प्रथम स्तर पर सरकारों से कहा गया कि नियम कानून बनाकर जागरूकता चला कर राइटिंग को रोक दूसरे व्यवस्था के तहत संस्थान रैगिंग के विरुद्ध जागरूकता अभियान चलाएं एवं इससे संबंधित नियम बनाएं तथा तीसरे स्तर पर अभिभावकों से भी यह कहा गया कि जो भी छात्र प्रवेश लगा उसके अभिभावक लिखित एफिडेविट देंगे कि उनके बच्चे रैगिंग की किसी भी गतिविधि में भाग नहीं लेंगे।
प्रोफेसर तिवारी ने कहा कि आज सभी विश्वविद्यालय और कॉलेज इस पर गंभीरता पूर्वक लगे हैं रैगिंग किसी भी तरह से किसी भी रूप में न होने पाए क्योंकि रैगिंग एक बुराई है एक आप प्राकृतिक व्यवहार हैं हम मानवी व्यवहार है जो की नैतिक मूल्यों के विरुद्ध है।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि रैगिंग शिक्षण संस्थानों एवं समाज से खत्म होनी चाहिए। जाति, धर्म, भाषा और रंग किसी भी आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज हमें मित्रता युक्त परिसर का निर्माण करना है। जिसमें जूनियर सीनियर छात्र एक दूसरे के मनोभावों को समझ सकें और अपने विचारों को खुलकर व्यक्त कर सकें। कुलपति ने कहा कि सभ्य समाज का निर्माण हम लोगों के सामूहिक प्रयास से ही संभव है।जिसके लिए हमें रैगिंग को खत्म करना होगा।
कार्यक्रम का संचालन डॉ आनंदानंद त्रिपाठी ने किया तथा अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन प्रोफेसर विनोद कुमार गुप्त ने किया। धन्यवाद प्रोफेसर मीरा पाल ने किया। कार्यक्रम में कुल 50 प्रतिभागी ऑनलाइन उपस्थित रहे।