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डीएफसीसीआई के प्रबंध निदेशक ने ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 276 किलोमीटर न्यू करछना-न्यू सोननगर खंड का किया निरीक्षण।

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टीएन शर्मा की रिपोर्ट


प्रयागराज।  21.08.24 को डीएफसीसीआईएल के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभालने के साथ ही, प्रवीण कुमार ने पूर्वी समर्पित माल ढुलाई गलियारे का अपना पहला निरीक्षण शुरू किया।


प्रवीण कुमार, प्रबंध निदेशक भारतीय रेलवे इंजीनियर्स सेवा (आईआरएसई) के 1989 बैच के अधिकारी हैं। प्रबंध निदेशक ने आईआईटी, रुड़की से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक और परास्नातक की डिग्री प्राप्त की है और एमडीआई, गुड़गांव से सार्वजनिक नीति और प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा भी किया है। प्रबंध निदेशक ने रेलवे इंजीनियरिंग पर दो प्रामाणिक पुस्तकें लिखी हैं, जो उनकी तकनीकी दक्षता और ज्ञान-साझाकरण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।


प्रवीण कुमार एक दशक से भी अधिक समय से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से जुड़े हुए हैं और डीएफसी के महत्वपूर्ण रेवाड़ी-दादरी खंड को चालू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो डब्ल्यूडीएफसी को ईडीएफसी से जोड़ता है।
प्रबंध निदेशक प्रयागराज एक्सप्रेस से, प्रयागराज पहुंचे और न्यू करछना के निरिक्षण उपरांत 10:10 बजे निरीक्षण रेल कार द्वारा सेक्शन का निरीक्षण प्रारंभ किया। प्रबंध निदेशक ने टोंस ब्रिज, कर्णावती नदी, न्यू अहरौरा रोड, न्यू अहरौरा रोड व जियोनाथपुर लिंक लाइन, ऑटो लोकेशन हट (ALH-201) , न्यू पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन , दुर्गौटी ट्रैक्शन सब स्टेशन (TSS) का निरीक्षण किया और संतोष जताया।


प्रबंध निदेशक ने इंजीनियरिंग वस्तुओं, ओवरहेड उपकरणों, सिग्नलिंग और दूरसंचार के रखरखाव कार्यक्रम को बरकरार रखने और सभी मौसम की स्थिति में विफलता-रहित रखने की सलाह दी। निरीक्षण के दौरान एएलएच-201, दुर्गावती टीएसएस और वहां रखे उपकरणों की स्थिति का जायज़ा लिया।


“ALH: टो लोकेशन हट (ALH) एक मानव रहित स्थान है जो ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से अन्य ALH से जुड़ा हुआ होता है और सभी सिग्नलिंग और दूरसंचार उपकरणों के लिए आवश्यक है ताकि सिग्नल, एक्सल काउंटर और इलेक्ट्रॉनिन इंटरलॉकिंग को बिजली की आपूर्ति प्रदान की जा सके, सिग्नल के स्थानों का पता लगाया जा सके। विफलताओं का समय और इसके मूल कारण का विश्लेषण करने में मदद करने के लिए रिमोट टर्मिनल यूनिट भी रहती है ।


दुर्गावती ट्रैक्शन सब स्टेशन (TSS): ट्रैक्शन सबस्टेशन (TSS) एक इलेक्ट्रिकल सबस्टेशन है जो इलेक्ट्रिकल पावर इंडस्ट्री से बिजली को ऐसे रूप में परिवर्तित करता है जो रेल सिस्टम के लिए उपयुक्त है। इस रूपांतरण में वोल्टेज, करंट टाइप और बिजली की आवृत्ति को बदलना शामिल है। TSS सिग्नलिंग और ट्रैकसाइड उद्देश्यों जैसी सहायक तकनीकों के लिए भी बिजली प्रदान करता है।


प्रबंध निदेशक सेक्शन में ट्रेन संचालन से खुश थे और उन्होंने एनसीआर के ईडीएफसी पर 100% मालगाड़ियों के स्थानांतरण के लिए तत्परता बनाए रखने की सलाह दी। उन्होंने अधिक से अधिक व्यवसाय हासिल करने पर जोर दिया। इसके लिए उन्होंने डीएफसीसीआईएल स्टेशनों पर नए गति शक्ति टर्मिनल खोलने की सलाह दी।
प्रबंध निदेशक ने आने वाले दिनों में नए कनेक्शनों की योजनाओं की अध्यन किया, जैसे कि जियोनाथपुर में अंतर्देशीय जलमार्ग टर्मिनल का कनेक्शन, 351 किलोमीटर लंबे सोननगर-अंडाल खंड की परियोजना और उसका इष्टतम उपयोग , मेजा ऊर्जा निगम पावर लिमिटेड द्वारा MUNU साइडिंग से दिसंबर 2024 तक फ्लाई ऐश का लोडिंग इत्यादि।


निरीक्षण के दौरान जी डी भगवानी कार्यकारी निदेशक (परिसंपत्ति प्रबंधन), ए के सेंगर जीजीएम/इलेक्ट्रिकल/कॉर्पोरेट कार्यालय, ए एस तोमर, महाप्रबंधक (सिग्नलिंग और दूरसंचार), अमित सौराष्ट्री महाप्रबंधक (कॉर्पोरेट संचार),  विनोद गौतम महाप्रबंधक (यांत्रिक एवं सुरक्षा), ए बी सरन मुख्य महाप्रबंधक प्रयागराज पूर्व, देवेंद्र सिंह मुख्य महाप्रबंधक प्रयागराज पश्चिम, अतुल कुमार, मुख्य महाप्रबंधक डीडीयू, आशीष मिश्रा, महाप्रबंधक सुरक्षा, शशिकांत द्विवेदी महाप्रबंधक विद्युत, मन्नू प्रकाश दुबे अपर महाप्रबंधक (संचालन और व्यवसाय विकास)-ईडीएफसी, श्रवण कुमार, अपर महाप्रबंधक, ओपी एवं बीडी, डीडीयू, जे के सिंह, उप मुख्य परियोजना प्रबंधक, इंजीनियरिंग, डीडीयू और अन्य डीएफसी अधिकारी और जीएमआर अधिकारी मौजूद रहे।

AT Samachar
Author: AT Samachar

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