टीएन शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। प्रयागराज मण्डल के फतेहपुर में फायर एंड सेफ़्टी फॉर कुंभ मेला – 2025 से सम्बंधित संरक्षा-सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में विभिन्न विभागों के 35 कर्मचारी शामिल रहे। संरक्षा से सम्बंधित निम्न विषयो पर चर्चा किया गया।
संरक्षा (Safety) एक तकनीकी, तरीका, आइडिया, नियम या जुगाड़ है, जिसका उपयोग करके हम स्वयं की रक्षा करते हैं,दूसरो की रक्षा करते हैं, रेलवे के सम्पति की रक्षा करते हैं और रेल परिसर के वातावरण की रक्षा करते है।
संरक्षा/Safety से काम करने पर हमारे स्वास्थ्य में सुधार होता है,सिस्टम में सुधार होता है, कोई होने वाली घटना-दुर्घटना से बचते हैं एवं बचाते हैं जिससे रेलवे की अर्थ व्यवस्था में बढ़ोत्तरी होगी।
संरक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी, कानूनी जिम्मेदारी तथा रेलवे की अर्थ व्यवस्था को मजबूत करना भी जिम्मेदारी है।
संरक्षा की जिम्मेदारी हम सबकी होती है जैसे कर्मचारी की,सुपरवाइजर की तथा अधिकारी की भी होती है।
संरक्षा का उद्देश्य जीरो लॉस होता है। एक सतर्क कर्मचारी संरक्षा का सर्वोत्तम साधन होता है ।
स्टेशन परिसर में ड्यूटी के दौरान आग लगने पर या कोई घटना/दुर्घटना होने पर हमें R-3 Base पर काम करना चाहिए। (1) Response (प्रतिक्रिया), (2) Rescue (बचाव) & (3) Relief (राहत) के अनुसार तुरन्त साइट पर पहुचना, बचाव का कार्य करना तथा राहत का कार्य करना चाहिये। संरक्षा-सेमिनार के दौरान संरक्षा सलाहकार चन्द्रिका प्रसाद ने उपरोक्त विषयों /काउंसलिंग, तथा प्रश्नोत्तरी के माध्यम से विस्तार से समझाया गया।
संरक्षा-सेमिनार के दौरान स्टेशन अधीक्षक एम. एस. मिश्रा, निरीक्षक/रेलवे सुरक्षा बल, अशोक कुमार यादव, वाणिज्या निरीक्षक, महेन्द्र गुप्ता, मुख्य लोको निरीक्षक/प्रयागराज, सुरेश कुमार एवं खान-पान के पर्यवेक्षक शामिल थे।