टीएन शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज के महिला अध्ययन एवं विस्तारित गतिविधि केंद्र द्वारा बुधवार को विज्ञान विद्या शाखा द्वारा गोद लिए गांव गोहरी के मोहनगंज फुलवरिया आंगनबाड़ी केंद्र में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षक दिवस के पूर्व दिवस पर साक्षरता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जागरूकता कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सीमा सत्यकाम ने कहा कि महिलाएं कौशल से संबंधित शिक्षण एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों से लाभ प्राप्त करके अपने परिवार को उन्नत बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को अगर शिक्षित प्रशिक्षित किया जाएगा तो उसका लाभ उनके परिवार तथा आसपास के गांव की महिलाओं को भी मिलेगा। जिससे ग्रामीण महिलाओं का भी विकास होगा और वह सशक्त होंगी। उन्होंने ग्रामीण महिलाओं को बेटियों की शिक्षा आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। सीमा सत्यकाम ने आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकत्रियों प्रियंका पांडे, सुनीता देवी एवं सहायिकाओं राजकुमारी, शांति देवी के साथ-साथ ग्रामीण अंचल की महिलाओं से उनकी शिक्षा तथा कौशल एवं अन्य विषयों पर चर्चा की।
महिला अध्ययन एवं विस्तारित गतिविधि केंद्र की प्रभारी एवं कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर श्रुति ने आंगनबाड़ी के कार्यकर्त्रियों,सहायिकाओं तथा वहां उपस्थित महिलाओं एवं बच्चों को डायरी, पेन आदि वितरित किए। प्रोफेसर श्रुति ने ग्रामीण महिलाओं को शिक्षा के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि एक शिक्षित महिला की भूमिका समाज को सुदृढ़ एवं विकसित बनाने में सहायक होती है।
केंद्र के सहायक प्रभारी एवं कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ त्रिविक्रम तिवारी ने उन्हें विश्वविद्यालय से जुड़ने के लिए प्रेरित किया तथा सरकार द्वारा चलाई जा रही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि एक पढ़ी-लिखी महिला अपने बच्चों की शिक्षा पर स्वयं ध्यान दे सकती है। महिलाओं एवं बेटियों की साक्षरता आने वाली पीढ़ियों की उन्नति में सहायक होती है। इनके साक्षर होने से समाज एवं राष्ट्र भी उन्नत होगा। धन्यवाद ज्ञापन केंद्र की सहायक प्रभारी डॉ साधना श्रीवास्तव ने किया।
इस अवसर पर प्रोफेसर श्रुति, डॉ आनंदानंद त्रिपाठी, डॉ साधना श्रीवास्तव, डॉ त्रिविक्रम तिवारी, राजेश गौतम, डॉ अनिल कुमार यादव, डॉ धर्मवीर सिंह, डॉ दीपा चौबे, डॉ दीप माला गुप्ता तथा गोहरी प्राथमिक विद्यालय की अध्यापिकाएं एवं ग्रामीण अंचल की महिलाएं तथा बच्चे आदि उपस्थित रहे।