टीएन शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। भारतीय किसान यूनियन भानू ने आज एक पत्रकार वार्ता कर किसानों के समस्याओं को लेकर संपूर्ण उत्तर प्रदेश में तहसील सुधार योजना के प्रथम चरण का शुभारंभ कर रहा है।
यूनियन के नेताओं का कहना है कि हम किसानों का पाला तहसील स्तर के राजस्व कर्मचारियों से बराबर पड़ता रहता है और यह कर्मचारी दो पक्षों को लड़ाकर किसानों को दुधारू गाय की तरह दोहम करते रहते हैं। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि आपकी लाठी अगर मजबूत है तो आप किसी की संपत्ति पर कब्जा कर लीजिए कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता, बस लेखपाल आपका साथ दे दे। संपत्ति का असली मालिक मुकदमा लड़ते-लड़ते समाप्त हो जाएगा आप कोई सड़ा या फर्जी कागज लगाकर पुस्त दर पुस्त उसे संपत्ति का उपभोग कर सकते हैं।
वही किसान यूनियन के नेताओं कहना है कि हद तो तब हो जाती है जब किसी व्यक्ति को मृतक दिखाकर उसकी सम्पति कोई माफिया अपने नाम करवा लेता है और कब्जा करके उसको उपभोग करने लगता है। संपत्ति का मालिक अपने आप को जीवित साबित करने के लिए मुकदमा लड़ते-लड़ते मर जाता है, क्योंकि राजस्व कर्मचारी नीचे से ऊपर तक पैसा खाकर उसे जीवित मानने से इनकार करते रहते हैं।
किसान यूनियन के नेताओं कहना है कि संभव है कि किसी ने गलत मृतक प्रमाण पत्र पेश कर भूल से आपसे ऐसा करवा लिया तो यदि आपके संज्ञान में ये गलती आती है तो राजस्व कर्मचारियों का कर्तव्य है कि तत्काल अपनी गलती सुधार ले, लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जब नियत साफ हो। मृतक दिखाया हुआ व्यक्ति दर-दर भटकते राजस्व कर्मचारियों के कर्मों का दण्ड भोगता है और अपनी संपत्ति से वंचित रहता है। उत्तर प्रदेश में ऐसे-ऐसे मामले भी संज्ञान में आते हैं कि ऊंची अदालतों से मिली डिग्री को खतौनी में दर्ज करने का मुकदमा तहसीलों में कई कई साल चलता है और आदेश ही खतौनी पर दर्ज नहीं किया जाता है।
वही किसान नेताओं का कहना है की कुल मिलाकर तहसीलें भ्रष्टाचार में पूर्ति लिप्त है वहां ईमानदारी से कार्य करना पाप समझा जाता है। भारतीय किसान यूनियन भानू अब तहसील सुधार आंदोलन प्रारंभ कर रहा है।
राकेश कुमार सिंह प्रदेश संगठन मंत्री भानू का कहना है कि भारतीय किसान यूनियन भानू संपूर्ण उत्तर प्रदेश के ऐसे व्यक्तियों से निवेदन करता है कि हमसे यानी कि भारतीय किसान यूनियन भानू से संपर्क कर अपने दस्तावेजों की छायाप्रति प्रस्तुत करें आपकी लड़ाई भानू लड़ेगा।