देवेन्द्र कुमार जैन की रिपोर्ट
भोपाल, मध्य प्रदेश। गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के उपलक्ष्य पर मानसिक रोग विभाग द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय के वरिष्ठ चिकित्सा शिक्षकों, नर्सिंग टीचर्स, मेडिकल एवं नर्सिंग छात्रों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में मेडिकल के छात्रों द्वारा मानसिक रोगों के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से एक नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई जिसमें सन्देश दिया गया कि मानसिक रोग उपरी हवा या भूत प्रेत कि वजह से नहीं होते। मानसिक रोग होने पर मनोचिकित्सक द्वारा मनोवैज्ञानिक एवं दवाओं के माध्यम से उपचार करवाना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि, गाँधी चिकित्सा महाविद्यालय की अधिष्ठाता ने अपने उद्बोधन में मानसिक स्वास्थ्य का महत्व समझाते हुए सभी को प्रसन्नचित्त रहते हुए कार्यस्थल पर कार्य करने का सन्देश दिया। नुक्कड़ नाटक के पश्चात मानसिक रोग विभाग में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024 की थीम – कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का समय यही है, पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा अपने उद्बोधन में विभाग द्वारा आयोजित ऐसे कार्यक्रमों कि सराहना की एवं वर्क-कल्चर बेहतर होने कि जरूरत पर बल दिया।
मानसिक रोग विभाग के विभागाध्यक्ष ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के इतिहास एवं महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 13.9% आबादी मानसिक रोग से ग्रस्त है, पर जागरूकता के अभाव में ट्रीटमेंट गैप 90% से भी अधिक है। उन्होंने मानसिक रोगों से बचाव एवं उपचार के तरीके बताये। सह-प्राध्यापक डॉ. रूचि सोनी ने अपने व्याख्यान में कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखने के गुर बताये। विभाग की सहायक प्राध्यापक ने मानसिक रोगों के लक्षण बताये जिससे मानसिक रोगों कि समय रहते पहचान हो सके एवं रोगी को त्वरित उपचार उपलब्ध हो सके।

कार्यक्रम के अंत में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर आयोजित रंगोली, पोस्टर एवं स्लोगन कम्पटीशन के विजेता छात्रों एवं नुक्कड़ नाटक के सहभागियों को विशिष्ट अतिथि, हमीदिया चिकित्सालय के अधीक्षक द्वारा पुरस्कार वितरित किये गये।