त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। संगम की धरती पर 13 जनवरी से शुरू होने जा रहे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन के दौरान टूरिस्ट और श्रद्धालुओं के आवागमन का सबसे बड़ा जरिया बनने जा रहे रेलवे ने कम्प्लीट रोडमैप वर्कआउट कर लिया है। सबसे बड़ा फैसला देशभर से आने वाले पैसेंजर्स को 22 भाषाओं में सूचनाओं का आदान प्रदान करने का है। इसके लिए साफ्टवेयर तैयार हो चुका है। हर रूट के लिए सेपरेट कलर कोडिंग, टोल फ्री नंबर जैसे सुविधाएं लागू करने के लिए प्लान तैयार है। गुरुवार को डीआरएम प्रयागराज मंडल हिमांशु बड़ोनी ने कम्प्लीट प्लान एक पत्रकार वार्ता कर बताया।
दिव्यांगों का विशेष ख्याल
डीआरएम के मुताबिक बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए बैटरी चालित करें और व्हीलचेयर का इंतजाम किया गया है। रेलवे स्टेशन के बाहर सार्वजनिक परिवहन और खान-पान की सुविधा के लिए काउंटर का भी इंतजाम किया गया है। इसके अलावा प्राथमिक चिकित्सा बूथ, पर्यटक बूथ और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र 20 स्टेशनों पर खोले जा रहे है। डीआरएम के मुताबिक यात्री सुविधा केंद्रों में यात्रियों को ट्रेनों से संबंधित जानकारी और टिकट की व्यवस्था रहेगी।
900 से अधिक ट्रेन चलेंगी
डीआरएम ने बताया1 रेलवे ने महाकुंभ के दौरान 900 से ज्यादा ट्रेनें चलाने की तैयारी की है। स्टेट गवर्नमेंट की हेल्प और ईएसआई टेक्निक की हेल्प लेकर क्राउड मैनेजमेंट किया जायेगा। रेलवे इसके साथ ही मैनेजमेंट और डिजास्टर को लेकर अलर्ट है। डीआरएम के मुताबिक पहली बार साफ्टवेयर के जरिये 22 भाषाओं में अनाउंसमेंट की व्यवस्था की गई है। इसके तहत ट्रेनों की जानकारी 22 अलग- अलग भाषाओं में दी जायेगी। पैसेंजर्स को उड़िया, पंजाबी, राजस्थानी, कन्नड़, तेलगु, मलयालम और अंग्रेजी समेत 22 भारतीय भाषाओं में ट्रेनों के संबंध में अनाउंसमेंट सुनने को मिलेगा। पैसेंजर्स और श्रद्धालुओं के लिए स्टेशनों पर क्लॉक रूम भी खोले जाएंगे।
174 रैक मिलेंगे मंडल को
डीआरएम ने बताये कि रेलवे बोर्ड की ओर से कुल 174 अतिरिक्त रैक प्रयागराज मंडल को मिले हैं। जिससे मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जायेगा। उनके मुताबिक पहली बार मेमू ट्रेनों का भी शेड्यूल तय कर दिया गया है। डीआरएम के मुताबिक करीब 100 नॉर्मल कन्वेंशन रैक वाली ट्रेनें होंगी। करीब 74 ट्रेनें मेमू ट्रेनों का संचालन अलग- अलग स्टेशनों से अलग – अलग दिशाओं में जाने के लिए किया जायेगा। डीआरएम के मुताबिक प्रतिदिन 140 रेगुलर ट्रेनें महाकुंभ के दौरान प्रतिदिन चलेंगी।
हर रास्ते की कलर कोडिंग
महाकुंभ में आने वाले पैसेंजर्स को रेलवे की तरफ से एक और महत्वपूर्ण सुविधा इस बार मिलने जा रही है। रेलवे हर दिशा के लिए अलग – अलग कलर कोड जारी करेगा। उदाहरण के लिए मध्यप्रदेश के रास्ते दक्षिण भारत की तरफ जाना है तो कुंभ क्षेत्र से लेकर नैनी तक सेम कलर में डायरेक्शन लगे होंगे। पैसेंजर इस कलर कोडिंग के सहारे आगे बढ़ते रहे तो रास्ता मिल जायेगा। इसी तरह की कोडीन हर रास्ते के लिए की जाएगी।
टोल फ्री पर हर जानकारी
उन्होंने बताया कि रेलवे ने पहली बार महाकुंभ में टोल फ्री नम्बर 18004199139 जारी किया है। नार्थ सेंट्रल रेलवे के प्रयागराज मंडल के डीआरएम हिमांशु बडोनी के मुताबिक यह टोल फ्री नंबर 1 नवम्बर 2024 से एक्टिव हो जायेगा। इसके बाद देश के किसी कोने में बैठे व्यक्ति को इस टोल फ्री नंबर पर महाकुंभ में आने और जाने के लिए ट्रेनों के सम्बंध में हर जानकारी मिलेगी। बताया कि महाकुंभ के दौरान तीनो जोन नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, उत्तर रेलवे और पूर्वोतर रेलवे के अंतर्गत आने वाले नौ स्टेशनों से ट्रेनों का संचालन किया जायेगा। इन सभी स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं का इजाफा किया गया है।
80 हजार टिकट प्रति घन्टा
उन्होंने बताया कि रेलवे के होल्डिंग एरिया में एक लाख से ज्यादा लोगो को रोका जा सकता है। रेलवे की ओर से यात्रियों को टिकट आसानी से सुलभ हो इसके लिए भी कई कदम उठाए जा रहे हैं। डीआरएम का दावा है कि 80 हजार टिकट प्रति घँटे बेचने की क्षमता विकसित की गई है। NCR के रेलवे स्टेशनों पर 278 टिकट काउंटर बनेंगे। उत्तर रेलवे में 113 और पूर्वोतर रेलवे में 158 रेलवे टिकट काउंटर खोले जाएंगे। इसके अलावा रेलवे के वॉलिंटियर्स कुंभ क्षेत्र में रेलवे आश्रय स्थलों और ट्रेनों में भी यात्रियों को टिकट मुहैया करायेंगे।
8000 कर्मचारी लगेंगे
डीआरएम के मुताबिक 21 रेलवे ओवरब्रिज और रेलवे अंडर ब्रिज बनाया जा रहे हैं। महाकुंभ के दौरान अलग-अलग डिवीजन से 8000 रेलवे कर्मचारियों को बुलाया जाएगा। इसमें 4000 से ज्यादा आरपीएफ के जवान और अधिकारी शामिल होंगे। इसके अलावा रेलवे के विभिन्न विभागों कमर्शियल, ऑपरेटिंग और टेक्निकल विभाग के कर्मचारी शामिल होंगे। एनसीआर के चार बड़े रेलवे स्टेशन पर मेला कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। जबकि 23 फर्स्ट एड बूथ बनाए जाएंगे। डीआरएम के मुताबिक रेलवे ने इस तरह से तैयारी की है कि यात्रियों की भीड़ के मुताबिक ट्रेनों की संख्या और बढ़ाई जा सकती है।
स्टेशनों पर दी जाने वाली सुविधाए
सभी स्टेशनों पर वेटिंग रूम और वेटिंग हाल।
प्रयागराज जंक्शन स्टेशन पर स्लीपिंग पाड्स।
अन्य स्टेशनों पर रिटायरिंग रुम डोरमेट्री और एग्जीक्यूटिव लाउंड।