त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। एनसीजेडसीसी में रविवार की रात शिल्प के साथ सुरों की जुगलबंदी ने हर किसी का ध्यान खींचा। लोक नृत्य की थिरकन के साथ ही गायन की रसधार पर कला प्रेमी झूमते रहे। इस दौरान कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी। अंबेडकर नगर से आयी प्रतिमा यादव एवं साथी कलाकारों ने राजा दसरथ जी के घरवां, आज जनमें ललनवां, बालू रेतिया डगरिया चलब कइसै तथा सरौता कहां भूल आये प्यारे ननदोइया गीत पर अवधी बधावा लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुति देकर पंडाल को अवधमय कर दिया। इसके बाद भजन गायक उत्तम रॉय ने जोभी देखे तेरा दरबार के मैया रानी मन ना हटे, तेरा साथ निभाएगा वो बिस्वास जरूरी है तथा जय राधे – राधे ,जय श्यामा श्यामा की प्रस्तुतियों के दौरान ब्रज की झलक देखी गयी। इसके बाद कमल चंद्र यादव ने खुशिया अवध के नगर छाये राम सीता लश्वन जब घर आये, हमार दियना के जलाये अटारी, छेड़ा तनी चिणवा के तार वीणा वाली हो तथा कितनी पुनीत पावन प्रयागराज की आली नगरी बिरहा लोकगीत गायन पेश कर खूब वाहवाही बटोरी। फसल कटने की खुशी पर किया जाने वाला फरवही लोकनृत्य की प्रस्तुति विजय कुमार व साथी कलाकारों ने मन लागा रे भईया मन लागा सियाराम के चरनीया में मन लागा महावीर के चरनीया में मन लागा गीत पर देकर तालियां बटोरी। संगत कलाकारों में ऑर्गन पर राहुल कुमार, ऑक्टो पैड पर रॉबिन कुमार, नाल(ढोलक) पर सोना भट्ट ने साथा दिया। कार्यक्रम का संचालन रेनू रॉय ने किया। इस अवसर पर काफी संख्या में दर्शक मौजूद रहे।
सोमवार को स्थानीय कलाकार देगें प्रस्तुतियां
दीपावली शिल्प मेले के चौथे दिन सोमवार को स्थानीय कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देगें, जिसमें विनोद निषाद द्वारा काली स्वांग नृत्य नाटिका, श्वेता श्रीवास्तव द्वारा नृत्य नाटिका, अर्चना दास द्वारा भजन गायन तथा सपना पाल बिरहा गायन की प्रस्तुति देंगी।
ग्राहकों को लुभाता रहा शिल्प और स्वाद
दीपावली शिल्प मेले में रविवार को भी ग्राहकों की भीड़ लगी रही। मेले में राजस्थान, पंजाब, बिहार, कश्मीर, पं बंगाल से आए शिल्पकारों के उत्पाद को लोगों ने खूब पसंद किया। राजस्थान जलेबी, बिहार का बाटी चोखा,चूरमा और नासिक के भुट्टे का लोग आनंद लेते रहे। मैदानी कलाकारों का बीन वादन आकर्षण का केंद्र रहा।