त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। एनसीजेडसीसी, संस्कृति मत्रालय, भारत सरकार की ओर से आयोजित दीपावली शिल्प के पांचवें दिन सोमवार की सांस्कृतिक संध्या नृत्य नाटिका व भजन गायन के नाम रही।
कार्यक्रम की शुरूआत भजन गायिका अर्चना दास ने है पार्वती के लाल हे शिव के अवतारी, रघुवर तुमको मेरी लाल अपने भक्ती के हितकारी, कुन्जन कुनक मंदिर मंदिर अरे गंगा तोरी लहर तथा सजा दो घर को गुलशन सा मेरे…..की प्रस्तुति देकर श्रोताओ से खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम के दूसरी कड़ी में सपना एवं दल ने गणेश वंदना, विह्न विनाशन हार हो करी तोह के नमनवां प्रथम पूज्य सुविचार ही करी तोहके नमनतों तथा लोकगीत चला पिया हमई के मेला घुमाय दा पेश कर श्रोताओं को खूब झुमाया।

इसके बाद श्वेता श्रीवास्तव एवं दल ने नृत्य नाटिका की शुरुआत शिव सती कथा से किया, जिसमें प्रेम, भक्ति व रौद्र के भाव को नृत्य के माध्यम से प्रदर्शित किया। श्वेता श्रीवास्तव की नृत्य नाटिका और महिषासुर मर्दिनी रूप ने पंड़ाल में बैठे दर्शकों को मंत्र मुग्ध किए रखा। उन्होंने गंगा नृत्य, पार्वती, नौदुर्गा रूप, चंडी, महिषासुर वध, सिंह सवार दुर्गा समेत कई रूप में नृत्य प्रस्तुत किया। इस दौरान शिव-पार्वती विवाह और महिषासुर का वध पूरे गीत-संगीत और शास्त्रीय नृत्य में पिरोकर दिखाया गया, जबकि राहुल निषाद एवं साथी कलाकारों ने काली स्वांग पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी।

इस दौरान पंड़ाल में बैठे दर्शक कुर्सी नहीं छोड़ पाए। साथी कलाकारों में जयंत बोस ऑल्टोपैड पर, तबले पर अखिलेश चंद्र गौतम, ढोलक पर जान्हवी मिश्रा, हिमांशु मिश्रा, हारमोनियम पर अंशिता त्रिपाठी, कोरस पर रिद्धिमा दुबे, कीबोर्ड पर आर्या पाण्डेय, समीर राज, अनिकेत यादव व विशाल वैश्य ने साथ दिया।
कार्यक्रम का संचालन अभिजीत मिश्रा ने किया। इस अवसर पर केंद्र के समस्त अधिकारी, कर्मचारी सहित काफी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।
