देवेंद्र कुमार जैन की रिपोर्ट
सीधी, एमपी। “जिला अस्पताल बचावा, जिउ बचावा संघर्ष मोर्चा” द्वारा आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिहावल के सामने “अस्पताल बचावा जिउ बचाव सत्याग्रह!” का आयोजन किया गया। सत्याग्रह में क्षेत्रीय ग्रामीण उपस्थिति रहे।


“अस्पताल बचावा जिउ बचाव सत्याग्रह!” में आए ग्रामीणों के समक्ष अपनी बात रखते हुए टोंको-रोंको-ठोंको क्रन्तिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने कहा कि जिला अस्पताल के निजीकरण का राज्य सरकार का कदम सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को कमजोर करने की दिशा मे एक बड़ा कदम होगा और यह जनता को सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं से दूर करेनें में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जिला अस्पताल जिले की स्वास्थ्य सेवाओं का एक प्रमुख केंद्र होता है। जिले में सरकार कि प्राथमिकता प्राथमिक और द्वितीयक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की होना चाहिए न कि जिला अस्पताल को निजी हाथों में सौपने की। सीधी जिले में उपस्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आबादी की तुलना और मानकों के अनुसार कम है, इसलिए इन संस्थानो कि उपलब्धता बढ़ाना और मौजूदा संस्थानों को मजबूत करना आज की प्राथमिकता है।


धरने को इन्होने भी सबोधित किया- प्रभात वर्मा, ज्योति नमदेव, विकाश नारायण तिवारी, धर्मराज सिंह, उमा सिंह, सविता सिंह, रानी सिंह, विजय सिंह, शंकर दयाल शुक्ला आदि।
धरने के बाद मध्य प्रदेश के राजयपाल के नाम का 6 सूत्री ज्ञापन पत्र तहसीलदार को सौंपा गया।

ज्ञापन पत्र कि मांगे
- जिला अस्पताल सीधी के निजीकरण पर रोक लगाई जाए।
- मझौली सामुदायिक स्वस्थ केंद्र एवं इसके अनर्गत आने वाले प्रथमिक स्वाथ्य केंद्र में रिक्त पदों पर डाक्टर, महिला डॉक्टर और अन्य स्टाप कि पदस्थापना किया जाए।
3. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मझौली में एक्सरे मशीन ऑपरेटर की पदस्थापना कर एक्स-रे मशीन का संचालन सुनिश्चित किया जाए।
4. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मड़वास को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्नयन किया जाए।
5. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र गिजवार और टिकरी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन सुनिश्चित किया जाए।
6. मझौली सामुदायिक स्वस्थ केंद्र क्षेत्र अंतर्गत अवैध क्लिनिक, बंगाली डाक्टर कि एवं अवैध मेडिकल स्टोर की जांच कर कड़ी कार्यवाही की जाए।
