एनसीजेडसीसी के मुक्ताकाशी मंच पर बही सुरों की रसधार, ढेढ़िया लोकनृत्य पर दर्शक हुए अभिभूत।

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त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट

प्रयागराज। एनसीजेडसीसी में बुधवार की शाम कजरी व भजनों की रसधारा में श्रोताओं ने जमकर गोता लगाया। मौका था उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दीपावली शिल्प मेले के तहत आयोजित सांस्कृतिक संध्या का। शाम 6 बजे संगीत्सव की शुरुआत बृजभान यादव एवं दल ने निर्गुण गीत हे पिया सतगुरु से नेहिया लगाई ल तथा देवी गीत बजाय देतू न माई वीणवा के तरवा से की। इसके बाद मीरजापुर से पधारे रवि शंकर शास्त्री ने राम नाम आधार जिन्हें वो जल में राह बनाते हैं , मईया तेरो छलकत निर्मल पानी , राम कहानी सुनो रे राम कहानी तथा मस्त मगन नाचे भोला की प्रस्तुति देकर पंडाल को भक्तिमय बना दिया।

वही जब दर्शकों के बीच मंच पर जब प्रीति सिंह एवं साथी कलाकार ढेढ़िया लोकनृत्य की प्रस्तुति देने आयी तो लोगों ने करतलध्वनि से उनका स्वागत किया। इस पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति में ताल, लय और धुन का अद्भुत संगम देखने को मिला, जिससे मंच पर एक जीवंत माहौल बना। इसमें कलाकरों ने मिट्टी के मटके में सरसों तेल का दिया जलाके नज़र उतरने को नृत्य के माध्यम से बखूबी प्रस्तुत किया।
निवेदिता शिक्षा सदन बालिका इंटर कॉलेज, वाराणसी में सुचरिता गुप्ता के निर्देशन में चल रहे गुरू शिष्य परंपरा के तहत प्रशिक्षित बच्चों द्वारा लोकगीत कजरी की रसधार का श्रोताओं को रसपान कराया। उन्होंने अपने गायन की शुरुआत हर हर करती चली जब गंगा, हरि बहना अखियां है प्यासी तथा पिया मेहंदी लिया रे मोती झील से तथा शिव शंकर चले कैलाश सुनाकर भक्ति रस का प्रवाह किया।

कलाकारों के प्रस्तुतियों को दर्शकों ने खूब सराहा। संगत कलाकारों में हारमोनियम पर डॉक्टर पूनम शर्मा , ढोलक पर कैलाश, बैंजो पर संजय, ऑक्टोपैड पर जीतू राज, तबला पर रंगनाथ तथा कीबोर्ड पर मास्टर रजत ने साथ दिया।

AT Samachar
Author: AT Samachar

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