NCR के रामलीला मंचन में लंका विजय के सीन का मंचन किया गया।

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट


प्रयागराज। कुम्भकरण के मारे जाने के पश्चात मेघनाथ युद्ध में जाने की तैयारी करता है उसकी पत्नी सुलोचना उसको तिलक लगाकर युद्ध में भेजती है। वहां पर जाकर मेघनाथ राम और लक्ष्मण के साथ युद्ध करता है तथा उनको नाग पास में बांध लेता है। नाग पास में बंध जाने से राम और लक्ष्मण वहीं पर गिर जाते हैं। हनुमान जी उन दोनों को युद्ध क्षेत्र से बाहर ले जाते हैं तथा हनुमान जी गरुड़ के घर जाते हैं और उनसे नाग पास को काटने के लिए विनती करते हैं गरुड़ हनुमान जी के साथ आते हैं तथा नाग पास को काट देते हैं तत्पश्चात राम और लक्ष्मण उठकर बैठ जाते हैं।

उधर रावण के महल में मेघनाथ उपस्थित होकर युद्ध जीतने के लिए रावण से यज्ञ करने की बात कहता है रावण मेघनाद को यज्ञ करने की आज्ञा देते हैं और मेघनाद यज्ञ प्रारंभ कर देता है यज्ञ के दौरान लक्ष्मण जी अपनी सेना सहित वहां आते हैं एवं मेघनाथ को युद्ध के लिए कहते हैं दोनों में भयंकर युद्ध होता है तथा मेघनाथ मारा जाता है। युद्ध के दौरान लक्ष्मण जी के बाढ़ से मेघनाथ की भुजा कट कर दूर सुलोचना के कक्ष में जाकर गिरती है सुलोचना भुजा को देखकर के विलाप करने लगती है और उसी समय मंदोदरी पर रावण आते हैं कटी हुई भुजा को देखकर मंदोदरी पहचान लेती है और वह भी विलाप करने लगती है तब सुलोचना अपने पति का सर लेने के लिए भगवान के पास जाने के लिए कहती है। जब सुलोचना भगवान के पास सर लेने पहुंचती है तो मेघनाद का सर जोर से हंसने लगता है।

उधर रावण अपने महल में सो रहा होता है तो उसको रात में स्वप्न आता है जिसमें उसे काल का प्रवेश होता है और रावण को यह डर सताता है कि शायद यह उसकी आखिरी रात है और सुबह उसकी भी मौत हो जाएगी उसे स्वप्न में वह संवाद करता है एवं बहुत ही डर जाता है घबराकर रावण उठता है और भगवान शंकर के पास जाकर पूजन करता है पूजन के पश्चात भगवान शंकर का आशीर्वाद लेकर युद्ध करने के लिए निकल पड़ता है राम और रावण की सेना में भयंकर युद्ध होता है और रावण मारा जाता है इस प्रकार रावण के मरने से लंका विजय प्राप्त होती है विजय के पश्चात भगवान विभीषण को वहां का राजा घोषित करते हैं। तत्पश्चात लक्ष्मण जी व विभीषण जाकर के माता सीता को वापस लेकर उनके शिविर में लेकर आते हैं और सब लोग प्रसन्नता व्यक्त करते हैं। परंतु राम जी माता सीता जी से अग्नि परीक्षा देने की बात कहते हैं तब माता सीता अग्नि परीक्षा के लिए तैयार होती हैं और हवन कुंड में जाती हैं। उसी समय अग्नि देव प्रकट होते हैं और प्रभु राम से कहते हैं कि सीता सब प्रकार से निर्दोष है आप इनको स्वीकार करिए। इसके पश्चात सभी लोग वापस अयोध्या लौटने की तैयारी करते हैं।

मेघनाथ के किरदार में गुड्डू ,रावण के किरदार में अरविंद पांडे तथा काल के किरदार में सोनू कॉल , विमलेश व गुड्डू खान मंदोदरी के किरदार में शुभेंदु राय व सीता के रोल में अलका सिंह ने बहुत ही सराहनीय कार्य किया।

AT Samachar
Author: AT Samachar

Leave a Comment

और पढ़ें

  • Buzz4 Ai
  • Ai / Market My Stique Ai