“छाऊ नृत्य में शौर्य, शक्ति और सौंदर्य की झलक देखकर दर्शक हुए रोमाचिंत”

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त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट


प्रयागराज। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से आयोजित दीपावली शिल्प मेले में रविवार की शाम सांस्कृतिक संध्या में कलाकारों ने अपनी सुर-लय-ताल की साधना से शिल्पहाट को निहाल कर दिया। मुक्ताकाशी मंच पर कलाकारों ने झारखंड के छाऊ नृत्य की झलक दिखाई। लोकनृत्यों ने दर्शकों को झुमाया तो सूफी गायन की धुन पर दर्शक थिरकने पर मजबूर हो गए।

कार्यक्रम की शुरूआत मोहिनी एवं दल ने बुन्देली गायन से की। इसके बाद सूफी गायक ईशान मिश्रा ने कहना गलत गलत,अखियां उड़ीक दिया, काली काली जुल्फों के तथा दिल पे ज़ख्म खाते हैं जैसे गीतों की प्रस्तुति देकर समा बंधा। इसके बाद मोहिनी एवं दल ने मृदंग की थाप पर घुंघरुओं की झंकारती राई लोकनृत्य की प्रस्तुति देकर खूब तालियां बटोरी। राजस्थान से आए वीरेंद्र सिंह गौड़ एवं दल ने नगाड़े की धुनों पर चरी और घूमर नृत्य की प्रस्तुति दी।

भारतीय संस्कृति और विरासत के परिचायक छाऊ नृत्य का प्रदर्शन झारखंड से आये जोधा राम एवं दल द्वारा किया गया। दर्शकों ने अपनी प्राचीन भारतीय नृत्य को देखकर खूब रोमांचित हुए। कार्यक्रम का संचालन शरद मिश्रा ने किया।
शिल्प मेले में लोकनृत्यों एवं सुरों के सफर के साथ मेले में शिल्प और स्वाद का आनंद भी लोगों ने लिया। समापन की ओर बढ़ रहे मेले में लोगों ने जमकर खरीदारी की।

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Author: AT Samachar

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