Search
Close this search box.

Prayagraj मण्डल ने किया महाकुंभ -2025 एवं समरसता विषय पर संगोष्ठी का आयोजन।

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट

Prayagraj: प्रयागराज मण्डल कार्यालय के सभागार में महाकुंभ -2025 एवं समरसता विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का शुभारंभ रेलवे अधिकारियों एवं संगोष्ठी में आए अतिथियों ने दीप प्रज्ववलित कर के किया। इस संगोष्ठी में पुरुषोत्तमचार्य महाराज; मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाज सेवी मनोज,  सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक, के.पी. सिंह, अध्यक्ष/प्रयाग साहित्य संस्था, करुणेश जी; वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवक, आलोक पाण्डेय, राजीव, हेला समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजमोहन, अपर मण्डल रेल प्रबंधक/सामान्य प्रशासन, संजय सिंह वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक/ कोचिंग, हिमांशु शुक्ला उपस्थित थे।


कार्यक्रम की अध्यक्षता डा० राज बिहारी लाल श्रीवास्तव, प्राचार्य सी एम पी डिग्री कॉलेज ने किया।
संगोष्ठी का शुभारंभ अपर मण्डल रेल प्रबंधक/सामान्य प्रशासन श्री संजय सिंह के स्वागत भाषण से हुआ। वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक/कोचिंग श्री हिमांशु शुक्ला ने भारत की एतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत पर अपने विचार रखे और रेलवे की महाकुंभ -2025 के लिए की गयी तैयारियों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ज्ञान और गंगा से पहचान रखने वाली प्राचीन नगरी पूरी दुनिया में अपनी संस्कृति के लिए जानी जाती है।

वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक/कोचिंग ने कहा कि महाकुंभ -2025 को अविस्मरणीय बनाने के लिए संगम स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को रेलवे की उत्कृष्ट सेवाएं देने के लिए और इस विशाल और अद्भुत समागम को सभी के सहयोग से सफल बनाने के लिए इस संगोष्ठी का आयोजन किया गया है। भारतीय संस्कृति की 10,000 वर्ष से अधिक पुरानी गौरव गाथा में प्रयागराज का स्थान बेहद महत्वपूर्ण है।

पुरुषोत्तमचार्य महाराज ने संगोष्ठी में राष्ट्र की संस्कृति और धर्म पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने अपने धार्मिक, एतिहासिक और पौराणिक उदाहरणों से समाज की एकता के महत्व पर प्रकाश डाला।

वरिष्ठ अधिवक्ता एवं समाजसेवक, आलोक पाण्डेय जी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए हमें जातिगत भेदभाव और ऊंच-नीच की सामाजिक कुरीति से आगे बढ़कर सभी को साथ लेकर चलना होगा। आलोक पाण्डेय ने देश में सामाजिक समरसता के लिए किए जा रहे प्रयासों और उनके परिणामों से अवगत कराया।

वरिष्ठ अधिवक्ता, समाज सेवी एवं सह क्षेत्र संपर्क प्रमुख/आरएसएस/पूर्वी उत्तर प्रदेश, श्री मनोज ने अपने विचार रखते हुए महाकुंभ -2025 में सामाजिक समरसता के लिए मिलकर सेवा भाव के साथ कार्य करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ -2025 में आंकड़ों और विकास से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि इसकी गाथा आपसी सदभाव, साझा सहयोग, सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक समरसता के पटल पर लिखी जाए।

इस संगोष्ठी में मंच पर आसीन सभी विद्वान जनों ने कहा कि कुंभ मेला परंपरा का विश्व भर में रहने वाले करोड़ों लोगों के जीवन में आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व है। यह आयोजन खगोल विज्ञान, ज्योतिष, अध्यात्म, अनुष्ठानिक परंपराओं और सामाजिक और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों और प्रथाओं के विज्ञान को समाहित करता है जो इसे विविध क्षेत्रों और विषयों के ज्ञान का एक मिश्रण बनाता है।पृथ्वी पर सबसे बड़ा शांतिपूर्ण मानव समागम माने जाने वाले कुंभ में तीर्थयात्री, जन्म और मृत्यु के अनन्त चक्र से मुक्ति मिलने के विश्वास के साथ पवित्र नदियों- गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करते हैं।

यह समय है कि हम अपनी सेवाओं की उत्कृष्टता से पूरी दुनिया को परिचित कराएं, हम अपनी संस्कृति की पूरी दुनिया में अमिट छाप छोड़े और यह अवसर है हम अपने राष्ट्र और शहर की सामाजिक समरसता की नयी परिभाषा गढ़ें। महाकुंभ -2025 की कहानी हजारों बिदुओं और अनगिनत रूपों में गढ़ी जाएगी। हमने करोड़ों श्रद्धालुओं को आवागमन का सुखद अनुभव कराया; हमारा सेवा भाव सराहनीय है। महाकुंभ -2025 ने प्रयागराज के विकास का मार्ग प्रशस्त किया, सैकड़ों युद्धों, हजार चुनौतियों और लाखों बलिदान देकर हमने अपनी संस्कृति और विरासत को सहेजकर रख और इस महायज्ञ में पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में बांध दिया। सामाजिक समरसता को देखना है तो दुनिया के हर व्यक्ति को प्रयागराज आना ही होगा।

AT Samachar
Author: AT Samachar

Leave a Comment

और पढ़ें

  • Buzz4 Ai
  • Ai / Market My Stique Ai
  • Earn Yatra

Read More Articles