फडणवीस या शिंदे, सीएम पद पर सस्पेंस
फडणवीस रेस में आगे, सिटे के लिए समर्थको ने बनाया दबाव
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव परिणाम आए तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं हो सकी है। निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थक मुखर होकर उन्हें फिर मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अजित गुट नहीं चाहता कि शिंदे मुख्यमंत्री बने। अजित गुट ने मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का समर्थन करने की बात कही है, वहीं महायुति में 132 सीटों के साथ सबसे बड़ा दल बनकर उभरी भाजपा में अभी तक सन्नाटा पसरा है।
वही इस बीच निर्दलियों समेत विभिन्न दलों के पांच विधायकों ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। अब भाजपा के पास सरकार बनाने के लिए आवश्यक 145 विधायकों में सिर्फ आठ की कमी रह गई।
गेंद पूरी तरह से मोदी और शाह के पाले में
भाजपा खेमे में अभी तक मुख्यमंत्री पद को लेकर सन्नाटा छाया हुआ है। अब गेंद पूरी तरह से पीएम मोदी और शाह के पाले में है की वह शिंदे और फडणवीस में से किसी एक को मुख्यमंत्री बनाते है या कोई नया समीकरण सामने ले आते हैं। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से शिंदे की नजदीक भी छुपी नहीं है। शिंदे अपने व्यवहार से मोदी और शह का दिल जीतने का हरसंभव प्रयास करते रहे है।
बिहार माडल की तर्ज पर शिंदे के लिए सीएम पद चाहती है शिवसेना।
शिवसेना बिहार मॉडल की तर्ज पर शिंदे के लिए मुख्यमंत्री पद चाहती हैं। शिवसेना का कहना है कि महाराष्ट्र में भी बिहार के तर्ज पर छोटे सहयोगी दल को मुख्यमंत्री पद देकर सह्रदयता दिखानी चाहिए। शिवसेना प्रवक्ता म्हासके ने बिहार मॉडल का हवाला देते हुए कहा कि शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए, लेकिन वरिष्ठ भाजपा नेता राव साहेब दानवे पाटिल ने शिवसेना के इस तर्क को यह कहकर खारिज कर दिया है कि बिहार में भाजपा पहले ही घोषणा करके चुनाव लड़ी थी कि सीटे किसी की भी ज्यादा आए, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे। महाराष्ट्र में शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने के साथ ही यह तो स्पष्ट किया गया था कि लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। लेकिन चुनाव बाद पुनः मुख्यमंत्री पद उन्हीं को देने का कोई वादा नहीं किया गया था। हालांकि मुख्यमंत्री पद को लेकर एकनाथ शिंदे की ओर से कोई बयान नहीं आया है।