देवेन्द्र कुमार जैन की रिपोर्ट
भोपाल, मध्य प्रदेश। हर साल 26 नवंबर को भारत में संविधान दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय लोकतंत्र और संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है। 1949 में इसी दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था, जो 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ।
भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसमें कुल 395 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 22 भाग शामिल हैं। यह हमें स्वतंत्रता, समानता, और बंधुत्व जैसे मूल अधिकारों की गारंटी देता है। इसके साथ ही यह नागरिकों को कर्तव्यों का भी बोध कराता है, जो देश के विकास और समृद्धि के लिए आवश्यक हैं। यह दिन हमें संविधान की प्रस्तावना में दिए गए उद्देश्यों को याद करने और उन्हें अपने जीवन में लागू करने का आह्वान करता है। सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय दिलाना। विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास और धर्म की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना। सभी के लिए समान अवसर और अधिकार।राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बनाए रखना। संविधान की प्रस्तावना को पढ़कर इसके महत्व को समझें। स्कूल, कॉलेज और समाज में संविधान से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाने डिबेट और चर्चाएं आयोजित की जाती हैं। संवैधानिक मूल्यों को आत्मसात करें न्याय, समानता और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का पालन करें।
भारत का संविधान न केवल एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे लोकतंत्र की आत्मा और देश की प्रगति का मार्गदर्शक है। आज के दिन संविधान निर्माताओं के त्याग और योगदान को याद करें और एक बेहतर भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएं।