त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
बेहतर कनेक्टिविटी, आसान यात्रा, कम लॉजिस्टिक्स लागत, तेल आयात और कार्बन उत्सर्जन होगा कम,
लाइन क्षमता में वृद्धि एवं लॉजिस्टिक्स दक्षता बढ़ने से मिलेगी सुव्यवस्थित आपूर्ति श्रृंखला और त्वरित आर्थिक विकास,
चार वर्षों में पूरी होगी परियोजना और हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार।
प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने प्रयागराज (इरादतगंज) – मानिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी) को मंजूरी दे दी है। प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से परिचालन आसान होगा और व्यस्ततम रेल मार्ग प्रयागराज (इरादतगंज) – मानिकपुर पर ढांचागत विकास होगा। इस परियोजना से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जनपद की मध्य प्रदेश के खंडवा एवं चित्रकूट जनपदों तक कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
प्रस्तावित परियोजनाओं से इस मार्ग पर अतिरिक्त यात्री ट्रेनों के संचालन से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। यह रेलवे लाइन कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, इस्पात, सीमेंट, कंटेनर आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक मार्ग हैं। यह लाइन ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के लिए फीडर का कार्य करेगी।
इस परियोजना से क्षमता वृद्धि कार्यों के परिणामस्वरूप 15.94 मिलियन टन प्रति वर्ष की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जिससे जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने में मदद मिलेगी । इस परियोजना से प्रतिवर्ष 85 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन कम होगा और 249 करोड़ रुपये का 3 करोड़ लीटर डीजल बचेगा। इस रेल खण्ड पर मालगाड़ियों के डिटेन्शन का समय 141 मिनट है, इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद यह घटकर 30 मिनट हो जाएगा।
रूट की लंबाई : 84 किलोमीटर
ट्रैक की लंबाई : 100 किलोमीटर
वर्तमान अनुमानित लागत : 1507.73 करोड़ रुपये
वर्तमान समापन लागत: 1639.69 करोड़ रुपये
लोडिंग में अपेक्षित वृद्धि :15.94 मिलियन टन प्रति वर्ष
उपलब्ध जमीन : 149.42 हेक्टेयर (39 फीसदी)
मौजूदा स्टेशन : 12
प्रमुख पुल : 30
छोटे पुल : 57
रोड ओवर ब्रिज : 1
रोड अंडर ब्रिज : 5