त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। सैम हिग्गिनबॉटम कृषि, प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय (शुआट्स) में महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण को बढ़ावा देने विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन बुधवार को हुआ। यह सेमिनार शुआट्स के निदेशालय शोध द्वारा महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के क्षेत्रीय केन्द्र, झूँसी के सहयोग से आयोजित की जा रही है।
सेमिनार की मुख्य अतिथि निदेशक एचआरएम एण्ड आर डा. अभिलाषा जे. लाल ने कहा कि शुआट्स द्वारा महिला सुरक्षा के लिये पहले से कार्य किया जा रहा है, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की योजनायें संचालित हैं, उन्होंने आश्वासन दिया कि महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाली अन्य योजनाओं को विश्वविद्यालय में क्रियान्वित करने का प्रयास करेंगी। उन्होंने बाईबल वचन ‘जो मुझे सामर्थ देता है, उस में मैं सब कुछ कर सकती हूँ’ को प्रेरणास्रोत बताते हुए अपने अनुभव साझा किये। उन्होंने कहा कि हिम्मत नहीं हारना चाहिये और सदैव सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करना चाहिये।
अपर कुलसचिव प्रो. डा. सी जॉन वेस्ली ने सेमिनार के विषय को अत्यन्त महत्वपूर्ण बताया। निदेशक शोध डा. एस.डी. मैकार्टी ने महिला सुरक्षा एवं सशक्तिकरण पर अपने विचार व्यक्त किये।
डा. पूरनचन्द मिश्रा ने महिला अधिकारों के हनन पर चिन्ता जाहिर की और उन्हें सशक्त बनाने के लिये शुरूआत घरेले वातावरण से की जानी चाहिये। मगध विश्वविद्यालय के डा. प्रेम प्रकाश राय ने घरेलू हिंसा से महिलाओं को मुक्ति दिलाने को उनके सशक्तिकरण का पहला चरण बताया। कहा कि जितनी शिक्षित महिलायें होंगी उतनी बेहतर समाज बनेगा जो सशक्त राष्ट्र के निर्माण में सहायक होगा।
भागलपुर विश्वविद्यालय की डा. प्रत्याशा त्रिपाठी, माजा जीजाबाई गर्ल्स पीजी कॉलेज इंदौर की डा. प्रतिमा राय, प्रो. अर्चना कौल, प्रो. परम प्रकाश आदि ने तकसीकी सत्र को सम्बोधित किया। यूएसए की डा. कविता वाचकनवी एवं महात्मा गांधी विश्वद्यिालय वर्धा के कुलपति आदि ने आनलाईन सेमिनार को सम्बोधित किया।