‘हिंदुत्व की अलख जगाएँ, हर सप्ताह मंदिर जाएँ’ – कुश श्रीवास्तव।

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त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट

प्रयागराज। ज्ञान गुण सागर वाहिनी विगत कई वर्षों से राष्ट्र, सनातन एवं संस्कृति को समाज में सुदृढ़ और प्रसारित करने की दिशा में कार्यरत है। इसी दायित्व के निर्वाहन की दिशा में आज हम सभी वाहिनी के सदस्यों ने विहिप के काशी अध्यक्ष  के. पी. सिंह सुमंगलम संस्थान के संस्थापक अरविन्द एवं सभी उपस्थित सदस्यों के साथ चर्चा की और अपने अगले अभियान का विषय रखा।

ज्ञान गुण सागर वाहिनी विश्व में हिंदुत्व का परचम सदैव के समान लहराने के लिए जिस प्रकार युवाओं एवं बच्चों को बजरंग बली को प्रेरणा स्रोत एवं आधार बनाकर विभिन्न आयोजनों, प्रतियोगिताओं इत्यादि के माध्यम से प्रोत्साहित करता आया है, वह केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, भारत के अन्य सुदुर क्षेत्रों से सहृदय सराहा और स्वीकारा गया है।

आज वाहिनी की वार्षिक बैठक में हमने और गहन चिंतन किया कि आगे की दिशा और दशा कैसे निर्धारित करें जिससे इस अभियान को और ऊर्जान्वित किया जा सके।

विश्व भर में हिंदुत्व विरोधी घटना-क्रम जो चलते आये हैं, वह मात्र पीड़ादायी ही नहीं चिंताजनक संकेत भी हैं की हमारे एकजुट न रहने से किस प्रकार हमारा पतन और विघटन हो रहा है।

  • मुग़लों ने हमारी सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत को खुल कर नष्ट करने का प्रयास किया
  • अंग्रेज़ों ने भारत की सनातन गरिमा को सदैव आघात पहुँचाने का कार्य किया
  • कश्मीरी पंडितों के ऊपर जो अत्याचार जो उन्नीसवीं शती से होते होते ९० के दशक में चरम पर पहुंचा जिससे की अपने ही घर से हमे पलायन करना पड़ा
  • आज २०२४ में भारत में रह रहे हिन्दुओं को इस बात के साक्ष्य देने पड़े कि प्रभु श्री राम भारत में जन्मे थे और उनकी जन्मस्थली कहां है
  • और आज उतना ही दर्दनाक घटनाक्रम २०२४ में बांग्लादेश में हिंदुओं को झेलना पड़ रहा है

इन घटनाओं से एक बात सिद्ध होती है की यह विषय मात्र आत्मचिंतन के नहीं आत्म-चेतना के भी हैं। क्यूंकि यदि हम अभी नहीं चेते तो काल के हर खंड में कोई न कोई मुग़ल, अंग्रेज़, या विधर्मी हमारा दुरूपयोग करके अपना अहंकार स्थापित करने का प्रयास करता रहेगा।

ज्ञान गुण सागर वाहिनी एक वृहद अभियान का प्रारम्भ कर रही है जिसमें हम समस्त भारतवर्ष एवं विश्व के हिन्दुओं से हमारा आह्वाहन है की – “हिंदुत्व की अलख जगाएँ, हर सप्ताह मंदिर जाएँ”।
यह एक ऐसा प्रेरणादायक मंत्र है जिससे हमारा आने वाले कल पूर्णतः जागरूक, सशक्त और एकत्रित रहेगा। इस प्रण से मंदिर जाने का संस्कार हमारे बच्चों एवं युवाओं में विकल्प नहीं, संकल्प स्वरूप घर करेगा।

मंदिर एक ऐसा स्थान है जहाँ आस्था, धर्म ही नहीं विश्वास को भी बल मिलता है। मंदिर जाने से ना सिर्फ हमारी आने वाली पीढ़ी जागरूक होगी बल्कि उनको एक दूसरे को समझने का एक मार्ग भी मिलेगा और सभी प्रकार के सकारात्मक निर्णय लेने के प्रति एक भाव से सोच पाएंगे। इसलिए वाहिनी इस बात का प्रण सभी से चाहती की सप्ताह में एक दिन सपरिवार मंदिर अवश्य जाना है।

इस आयोजन में विहिप के काशी क्षेत्र के अध्यक्ष (सेवा-निवृत्त पुलिस महानिदेशक) के. पी. सिंह जी ने कहा का मंदिर जाने से हम सभी को एकजुट होकर सोचने की शक्ति मिलेगी और ज्ञान गुण सागर वाहिनी का यह आह्वाहन अत्यंत दूरगामी और लाभकारी है।
श्री सुमंगलम संसथान के संस्थापक अरविन्द ने कहा की परिवार एवं बच्चों में इस प्रकार का मनोभाव उत्पन्न करना हमारे राष्ट्र को और सशक्त बनाएगा।

कुश श्रीवास्तव ने बताया की आगामी कुम्भ में भारतवर्ष के सभी साधु संत, २०-३० करोड़ भारतीय, विभिन्न स्नानों में साधना करने प्रयागराज की पावन भूमि पर आएंगे और यह उत्तम अवसर है इस आत्मचेतना को पूरे भारत में प्रेषित करने का। वाहिनी हर संभव प्रयास करेगी इस संदेश को हर अतिथि और उनके परिवारों तक पहुँचाने का।

वाहिनी द्वारा इस अभियान के आयोजन में अमिताभ श्रीवास्तव, सुनील क्षेत्री, राष्ट्र गौरव तिवारी, अवनीश श्रीवास्तव, पियूष शुक्ल, ज्ञानेंद्र सिंह, मयंक पांडेय, पवन श्रीवास्तव, सौरभ दुबे, विवेक श्रीवास्तव, अमल श्रीवास्तव, सत्यशील श्रीवास्तव, प्रदीप चंद्र वर्मा, गुड्डू खरे, आशुतोष इत्यादि रहे।

AT Samachar
Author: AT Samachar

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