उंगलियों से बोलने वाला फनकार
वाह ताज की यादें आज भी लोगों के जेहन में है। बैकग्राउंड में ताजमहल और तबला वादन में डूबे जाकिर हुसैन। लहराते घुंघराते बाल और मंत्रमुग्ध करती मुस्कान। 1988 में वह घर-घर चर्चित हो गए जब हरीश भिमानी ने वॉइसओवर में कहा “वाह उस्ताद वाह” और जवाब में जाकिर ने कहा आरे हुजूर वाह ताज बोलिए।
12 साल की उम्र में दिखाया जादू
जाकिर हुसैन का बचपन मुंबई में बिता। महज 12 साल की उम्र में उन्होंने अपने असाधारण तबला कौशल से संगीत की दुनिया में अपना जादू चलाना शुरु कर दिया। समय के साथ उनकी कला भी निखरती गई और कुछ ही दिनों में वह दुनिया के मशहूर हस्ती बन गए। उनका पहला एल्बम लिविंग इन द मटेरियल वर्ल्ड, 1973 में रिलीज हुआ। 1979 से 2007 तक उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय समारोह में तबले की थाप का जादू बिखेरा।
शादी या इवेंट में नहीं जाते थे जाकिर हुसैन
शादी विवाह के फंक्शन, प्राइवेट पार्टी, कॉरपोरेट इवेंट्स में नहीं जाते थे जाकिर हुसैन। वे मानते थे कि ऐसी जगहों पर लोग सामाजिक मेल-जोल के लिए, ड्रिंक करने के लिए या खाने पीने के लिए आते हैं। संगीत ऐसे नहीं सुना जाना चाहिए। जाकिर ने एक इंटरव्यू में बताया कि कसर्ट हाल या थियेटर सबले बढ़िया जगह है। जाकिर आयोजकों से कहते कि कसर्ट शुरू हो तो दरवाजे बंद कर दें। श्रोताओ का ध्यान मंच पर होना चाहिए।
1994 में बने थे सेक्सिएस्ट मैन
1994 में जैंटलमैन नाम की एक पत्रिका ने जाकिर को सबसे सेक्सिएस्ट मैन बताया था। यह तब था जब कॉम्पटीशन में सिनेस्टार अमिताभ बच्चन थे। पत्रिका की टीम जाकिर के पास पहुंची, उन्हें पहनने को कई सूट, जैकेट और वेस्टर्न ड्रेसेज दिए ताकि कवर पेज पर फोटो लिया जा सके। टीम तब अचरज में पड़ गई जब जाकिर को सबसे ज्यादा वोट मिले। जाकिर ही विनर बने।