सैंया मिले लड़कैंया मैं का करूं पर झूमे श्रोता।

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त्रिभवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट

प्रयागराज। संस्कृति मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा सेक्टर 7 में सांस्कृतिक गांव के रुप में बसा कलाग्राम लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है। कलाग्राम में इमर्सिव जोन, अविरल शाश्वत कुंभ को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ जुट रही है।

सांस्कृतिक कुंभ के तहत शुक्रवार को सांस्कृतिक मंच पर गीत, संगीत और लोकनृत्यों के संगम में दर्शकों ने जमकर डुबकी लगायी। कलाग्राम में समूचे भारत की कला और संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत के इस उत्सव में हर राज्य के कलाओं की प्रस्तुति हो रही है। शुक्रवार को कार्यक्रम की शुरुआत प्रहलाद कुर्मी एवं दल द्वारा सुमरनी बल खीरे सुमरो हनुमान गीत पर राई नृत्य की प्रस्तुति दी।

इसके बाद सुभाष देवराणी एवं दल द्वारा गढ़वाल को लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। उमरल बदरिया चमके बिजुरिया चमके बिजुरिया व सोहर नृत्य तथा अमवा महूअवा के झूमे झूमे डोरिया गीत पर झूमर नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके बाद हरियाणा से आए पद्मश्री महावीर गुड्डु एवं दल ने तथा मेरा रंग दे बंसती चोला मेरा ठिकाना जग में, इस भारत में हरियाणा तथा मेरा रंग दे बंसती चोला गीत पर बमलहरी नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके बाद दिव्या सिंह एवं दल द्वारा अवधी गीत सैया मिले लरकइयां, हमरी गुलाबी चुनरिया, होली खेले रघुवीरा जैसे गीतों की प्रस्तुति दी। इसके बाद गुजरात से आए जयन्ती भाई राठवा द्वारा राम ढोल, थाली, शहनाई की धुन पर पिरामिड के आकार मे राठवा नृत्य की प्रस्तुति दी।

AT Samachar
Author: AT Samachar

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