पैसे और ज़मीन के लालच में बेटे ने की मां की थी हत्या,फांसी लगाकर दिया आत्महत्या का रूप
कौशाम्बी। एसपी के निर्देशन में मंझनपुर पुलिस टीम ने 24 घंटे में ब्लाइंड मर्डर केस का किया खुलासा। कौशाम्बी पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के नेतृत्व में शुक्रवार को पुलिस ने एक और सनसनीखेज़ ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाकर यह साबित कर दिया कि जनपद की पुलिस हर अपराधी की नींद उड़ाने के लिए पर्याप्त सक्षम है। मात्र 24 घंटे में मां की हत्या कर फांसी लगाने जैसे जघन्य अपराध का खुलासा कर एसपी राजेश कुमार की अपराध नियंत्रण नीति और पुलिस की जमीनी सक्रियता एक बार फिर सुर्खियों में है।
पुलिस द्वारा बताया गया कि थाना मंझनपुर क्षेत्र के ग्राम खेरवा में 9 अक्टूबर को एक महिला शीला देवी पत्नी स्व. शिवगनेश का शव घर के अंदर फांसी पर लटका मिला। परिजनों ने इसेआत्महत्या बताया, मगर मौके की बारीक जांच के बाद एसपी राजेश कुमार ने तुरंत ही निर्देश दिया। मामले को सामान्य आत्महत्या न मानकर वैज्ञानिक तरीके से जांच की जाए, क्योंकि हर फंदे के पीछे एक कहानी होती है। उनके आदेश पर थाना मंझनपुर पुलिस टीम ने घटना स्थल की परिस्थितियों, शव की स्थिति और आस-पास के सुरागों का विश्लेषण किया। पुलिस की सूक्ष्म जांच में सामने आया कि यह कोई आत्महत्या नहीं बल्कि एक योजनाबद्ध हत्या थी, जिसे बड़ी चालाकी से आत्महत्या जैसा दिखाने की कोशिश की गई थी। लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी गला दबाकर मृत्यु का कारण आया है।एसपी राजेश कुमार के निर्देशन में गठित विशेष टीम ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट व सर्विलांस, मोबाइल ट्रेसिंग,इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और तकनीकी डाटा एनालिसिस के जरिये सटीक दिशा में जांच बढ़ाई। इसी क्रम में पुलिस को पता चला कि मृतका का बेटा किशन किशोर ऊर्फ बीरु घटना के बाद से गायब था।
एसपी के निर्देश पर पुलिस टीम ने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया और आखिरकार आरोपी को कधवनिया, थाना राजापुर, जनपद चित्रकूट से गिरफ्तार कर लिया। जिसे विधिक कारवाई करते हुए न्यायालय के समक्ष पेश किया जहां आरोपी को जेल भेज दिया गया।सख्त पूछताछ में आरोपी बेटे ने कबूल किया कि उसने पैसे और ज़मीन के लालच में अपनी मां की गला दबाकर हत्या की थी। मां शीला देवी अपनी ज़मीन अपने भाइयों के नाम करने जा रही थीं, जिससे नाराज़ होकर बेटे ने हैवानियत की हदें पार कर दीं। हत्या के बाद उसने शव को फांसी पर लटका दिया ताकि यह आत्महत्या जैसा लगे और शक न हो।पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने इस पूरे ऑपरेशन की हर गतिविधि पर व्यक्तिगत रूप से नज़र रखी।
उनकी इंटेंसिव इंवेस्टिगेशन अप्रोच और नो-डिले पॉलिसी ने इस ब्लाइंड केस को रिकॉर्ड समय में सुलझा दिया। उन्होंने टीम की सराहना करते हुए कहा कि हर अपराध, चाहे जितना भी गहरा क्यों न छिपा हो, हमारे पुलिसकर्मियों की मेहनत और तकनीकी विवेक के सामने टिक नहीं सकता। यह जनपद की पुलिस की पेशेवर क्षमता का उदाहरण है।
