लखनऊ। ‘‘हर घर, नल से जल’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के 2.42 करोड़ परिवारों को मिल रहा है स्वच्छ पेयजल। प्रदेश में ग्रामीण पेयजल आपूर्ति हेतु केन्द्र सहायतित जल जीवन मिशन कार्यक्रम का संचालन केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा 50ः50 प्रतिशत वित्त पोषण के आधार पर किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत श्हर घर को नल से जल’ उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में कुल 267.21 लाख घरों को पाइप पेयजल योजनाओं से आच्छादित किये जाने के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक 242 लाख परिवारों को नल से जल की आपूर्ति की जा रही है। राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के अन्तर्गत प्रदेश के विन्ध्य एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 09 जनपदों (फेज-01) में विभिन्न ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से कुल 20,98,899 परिवारों के सापेक्ष अब तक 20,63,133 परिवारों को क्रियाशील गृह नल संयोजन के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।
प्रदेश के अन्य 66 जनपदों में भी जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से कुल 2,46.22,842 घरों के सापेक्ष अब तक 2,21,222,51 परिवारों को क्रियाशील गृह नल संयोजन प्रदान किया गया है। इस प्रकार प्रदेश के कुल 2,67,21,741 परिवारों के सापेक्ष अब तक 2,41,85,384 से अधिक परिवारों को क्रियाशील गृह नल संयोजन प्रदान किये गए है।
प्रदेश के सभी 97073 ग्रामों में ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से शुद्ध, सतत् एवं गुणवत्तायुक्त पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित किये जाने के उद्देश्य से परियोजनाओं का निर्माण कराया जा रहा है। अब तक प्रदेश के 50,982 ग्रामों में शत-प्रतिशत घरों को क्रियाशील गृह नल संयोजन उपलब्ध कराया गया है, जिनमें से 26,085 से अधिक ग्रामों को ग्राम पंचायत द्वारा हर घर जल प्रमाणित किया जा चुका है। प्रदेश में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत परियोजनाओं के निर्माण में लगभग 5.63 लाख कि0मी0 से अधिक जल वितरण प्रणाली बिछायी जा रही है, जिसके सापेक्ष अब तक 05 लाख 17 हजार कि0मी0 जल वितरण प्रणाली बिछायी जा चुकी है। प्रदेश में जल वितरण प्रणाली बिछाये जाने के दौरान विभिन्न प्रकार के लगभग 01 लाख 97 हजार कि0मी0 रोड डिस्मैटल किये गये है, जिसके सापेक्ष अब तक 1 लाख 90 हजार कि0मी0 डिस्मैटल रोड को रिस्टोर कराया गया है।
प्रदेश में 33,229 (80 प्रतिशत) योजनाये ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजनायें सौर ऊर्जा आधारित बनाई गयी है, जिनपर 900 मेगावॉट के सोलर पैनल अधिस्थापित किये गए है। सौर ऊर्जा आधारित परियोजनाओं के निर्माण के कारण परियोजनायें दीर्घकालिक रूप से स्थाई होगी तथा परियोजनाओं का संचालन एवं अनुरक्षण मितव्ययी होगा। साथ ही लगभग 13 लाख मेट्रिक टन कार्बन डाईआक्साइड का उत्सृजन प्रतिवर्ष कम होगा जो पर्यावरण के संतुलन हेतु लाभदायी होगा। प्रदेश में ग्रामीण पाइप पेयजल परियोजनाओं के दीर्घकालिक स्थायित्व, नियमित रूप से निर्धारित मात्रा में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के दृष्टिगत प्रदेश में नयी संचालन एवं अनुरक्षण नीति 2024 निर्गत की गयी है।
जल आपूर्ति के लिए प्रदेश के सरकारी फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के अंतर्गत 28,606 ए०एन0एम0, 60,102 आशा कार्यकर्ती, 1,10,949 आंगनवाडी कार्यकर्ती, 1,10,453 स्कूल अध्यापक तथा 1,66,504 एस०एच०जी० मेम्बर्स सब मिलाकर 4,76,614 सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी किया गया।
दिनांक 26 जनवरी, 2025 को देवरिया, रायबरेली, गोरखपुर, मिर्जापुर एवं बुलन्दशहर जनपदों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले जल समिति के सरपंचों को गणतंत्र दिवस समारोह-2025 के अवसर पर कर्तव्य पथ, नई दिल्ली में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित कर मा० मंत्री पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सम्मानित किया गया।
दिनांक 20 जून से 31 जुलाई, 2025 तक Stop Diarrhea Campaign&2025 के तहत, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के मार्गदर्शन में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन द्वारा सभी जनपदों में ग्राम पंचायत स्तर पर कार्यान्वयन सहायता एजेंसियों के माध्यम से स्वच्छता एवं स्वास्थ्य जागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। दिनांक 29 अगस्त से 31 अगस्त, 2025 के दौरान, मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स, भारत सरकार द्वारा चलाए गए अभियान ‘हर गली हर मैदान, खेले सारा हिंदुस्तान’ के अंतर्गत, राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशनं द्वारा प्रदेश के समस्त जनपदों की कार्यान्वयन सहायता एजेंसियों के माध्यम से सभी जनपदों ने खेलों के साथ स्वच्छता को जोड़ते हुए ग्राम, ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर विभिन्न आयोजन किया गया।
प्रदेश में अब तक जल जीवन मिशन के अन्तर्गत 1,16,340 स्कूलों एवं 1,55,136 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पाइप पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित कराई गयी है। जल की गुणवत्ता के परीक्षण हेतु 05 लाख से अधिक ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है।
जल जीवन मिशन के अन्तर्गत उत्कृष्ट कार्य किये जाने के फलस्वरूप 05वें राष्ट्रीय जल पुरस्कार में उत्तर प्रदेश को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इंटरनेशल ट्रेड शो में देश और दुनिया से आये लोगों को जल जीवन मिशन की जानकारी और जल संरक्षण की सीख देने के लिये बनाये गये ‘‘हर घर जल गांव’’ मॉडल को ट्रेड शो के बेस्ट डिस्पले अवॉर्ड से नवाजा गया है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 में जल जीवन मिशन के अर्न्तगत परियोजनाओं हेतु धनराशि रु० 16000.00 करोड़, संचालन एवं अनुरक्षण के अन्तर्गत रु० 3000.00 करोड़ एवं सम्बन्धित परियोजनाओं में अन्तः ग्राम अवसंरचनाओं के निर्माण लागत के सापेक्ष बांछित सामुदायिक अंशदान की धनराशि रू04500.00 करोड़ का बजट प्राविधान किया गया है। राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत परियोजनाओ को पूर्ण किये जाने हेतु वितीय वर्ष 2025-26 में धनराशि 10.00 करोड़ बजट प्राविधान किया गया है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदेश सरकार लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करा रही है।
