ज्योतिष आचार्य मंजू श्री गिरि का पट्टा अभिषेक कर निरंजनी अखाड़े की छावनी मे महामंडलेश्वर की उपाधि से किया गया विभुषित।

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त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट

प्रयागराज। महाकुम्भ मे निरंजनी अखाड़े की छावनी में आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालका नन्द गिरी महाराज की अध्यक्षता और पंच परमेश्वरो एवं संत महापुरुषों के सानिध्य मे वैदिक मंत्र उच्चारण के साथ ज्योतिष आचार्य मंजू श्री गिरी (मयूर विहार, फेस वन,पॉकेट 2, दिल्ली) का पट्टा अभिषेक कर महामंडलेश्वर की उपाधि से विभुषित किया गया हैं।

आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालका नन्द गिरि महाराज ने कहा की संतों का तप उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यह तप साधना, आत्मसंयम, और परमात्मा के प्रति निष्ठा का प्रतीक है। संत अपने जीवन में सांसारिक मोह-माया से दूर रहते हुए, ज्ञान और भक्ति की ओर अग्रसर होते हैं।हम उन्हें साधुवाद देते हैं की उनका आने वाला जीवन उज्जवल हो और वह सदा अध्यत्म और उन्नति की बुलंदियों की राह पर चले। उन्होंने कहा की हम उन्हें यह भी आशीष भी देते हैं की वह सदा अपनी दिव्य दृष्टि से सनातन का परचम लहराते हुए सनातन कों आगे बढ़ाने का कार्य करेंगी।

अखिल भारतीय अखाडा परिषद एवं माँ मनसा देवी मन्दिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्री महंत रविन्द्र पुरी महाराज ने अपने सम्बोधन के दौरान कहा संत का तप सिर्फ शारीरिक कठिनाइयों से नहीं जुड़ा होता, बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धता की ओर भी होता हैं।संतों का तप उनके आंतरिक बल और समर्पण को दर्शाता है, जो उन्हें किसी भी परिस्थिति में स्थिर और शांत बनाए रखता है।उन्होंने कहा की प्रयागराज महाकुम्भ से आज जो स्थान ज्योतिष आचार्य मंजू श्री गिरी का हुआ हो गया हैं वह बहुत सम्मानित पद हैं जिसकी उन्हें अपने ज्ञान अपने बल और बुद्धि से गरिमा कों बनाये रखना होगा हमारी शुभकामनायें उनके साथ हैं।

निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशा नन्द गिरि महाराज ने कहा की महाकुंभ मेला सनातन धर्म और अध्यात्म का अद्वितीय संगम है। जिसमें लाखों श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करने आते हैं, जिससे उनके पाप धुल जाएं और मोक्ष की प्राप्ति हो। उन्होंने कहा की महाकुंभ मे आध्यात्मिकता और परंपरा का अखाड़े पालन करते है।और श्रद्धांलु इस महा संगम का स्नान करके अपने जन्म-जन्मानत्रो के पापो का नाश करते हुए पुण्य फल कों प्राप्त करते हैं। जो इस आयोजन को आध्यात्मिक दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण बना देता है। उन्होंने नव नियुक्त महामंडलेश्वर को साधुवाद देते हुए बधाई दी।

नव नियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिष आचार्य मंजू श्री गिरी ने कहा कि जो पद हमें दिया गया है हम अपने पद की गरिमा और जिम्मेदारियां को पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण के साथ निर्वाहन करेंगे।


इस अवसर पर अखाड़े के सचिव श्री महंत राम रतन गिरी,मा. म. स्वामी प्रेमानन्द पुरी (अर्जी वाले हनुमान जी उज्जैन), महामंडलेश्वर स्वामी निरंजन ज्योति,श्री महंत शंकरा नन्द सरस्वती,महंत ओमकार गिरी, महंत राधे गिरी, महंत दिनेश गिरी,स्वामी चिदविलाशा नन्द, महंत दर्शन भारती, महामंडलेश्वर स्वामी अनपूर्णा भारती, श्री महंत राधे गिरी, मा. म. स्वामी मीरा गिरी, , मा. म. स्वामी अनंतानंता नन्द, मा. म. स्वामी आदि योगी पुरी,महंत दिनेश गिरी, महंत राकेश गिरी, महंत राज गिरी,आदि के सँग अनेक संत महापुरुष उपस्थित रहे।

AT Samachar
Author: AT Samachar

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