त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। बहुजन साहित्य, कला और संस्कृति के साथ-साथ बहुजन रंगमंच के संरक्षण, संबर्धन और उसके विकास के साथ उसके पुनर्स्थापत्य की दिशा में काम कर रही प्रयागराज की एकमात्र संस्था, ट्रस्ट प्रबुद्ध फाउंडेशन और उसकी सहयोगी संस्थाओं में देवपाती मेमोरियल ट्रस्ट, डा. अम्बेडकर वेलफेयर एसोसिएशन (दावा), बाबासाहेब शादी डाट काम और डा. अम्बेडकर क्लब द्वारा चलाया जा रहा अतिआवश्यक अभियान जो अब एक आंदोलन बन चुका है। ऐसे लोग जो किसी कारण से रंगमंच तक नहीं पहुँच पाते थे अब नाटक उनके आँगन तक पहुँच रहा है। अब आप लोग अपनी कॉलोनी या अपने गांव में अपने दरवाजे पर एक भव्य नाटक को देखकर आश्चर्यचकित हो सकते हैं और नाटक के जादू में बंधकर हमेशा के लिए नाटकों के दर्शक बन सकते हैं और कुछ लोग संस्था से प्रख्यात कलाकार बनकर सफलता के उच्चतन शिखर पर पहुंच सकते हैं। ऐसे कलाकार बहुजन महापुरुषों के सपनो को साकार करते हुए बहुजन रंगमंच को पुनस्थापित कर बहुजन समाज के सांस्कृतिक मार्ग को सशक्त और प्रशस्त कर सकते है।
यमुनापार की दर्जनों गांवों में प्रबुद्ध फाउंडेशन द्वारा संचालित प्रबुद्ध पाठशाला के सात से सत्रह आयु वर्ग के बच्चो के सृजनात्मक, कलात्मक और व्यक्तित्व विकास के लिए प्रबुद्ध बाल रंगमंच अभियान के तहत ग्रीष्मकालीन प्रस्तुतिपरक प्रबुद्ध बाल रंग कार्यशालाएं चलाई जाती रही है।
इस अभियान के तहत प्रत्येक बहुजन बहुल्य बस्ती में दर्जनों नृत्य, नाटक व गायन की तैयारियों के साथ एक ओर जहां उसी गांव में प्रस्तुति दी जाती रही है तो दूसरी ओर ग्रासरूट पर रहने वाले बहुजन बाल कलाकारों को रंगकर्मी रंग निर्देशक उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी रामबृज की आंशिक आत्मकथा पर आधारित व अभिनीत व लिखित नाटक “बेटी” और नागपुर महाराष्ट्र की प्रख्यात बहुजन महिला साहित्यकार डा. सुशीला टाकभौरे द्वारा लिखित नाटक “जीवन के रंग” का मंचन आगामी दिनांक 28 सितम्बर 2025 को अपराह्न 05 बजे से सर्किट हाऊस के पास स्थित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज के प्रेक्षागृह में आईपी रामबृज के कुशल निर्देशन द्वारा मंचित किया जायेगा।
