‘द प्रपोजल’ में दिखी प्यार की अनोखी दास्तां।

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त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट


प्रयागराज। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से मासिक नाट्य योजना के तहत शुक्रवार को रसियन साहित्यकार एंटोन चेखव द्वारा लिखित एकांकी नाटक द प्रपोजल का मंचन राहुल चावला के निर्देशन में सांस्कृतिक केंद्र प्रेक्षागृह में किया गया। यह नाटक तीन किरदारों के इर्द -गिर्द घूमता है। कहानी में एक धनी जमीदार लोमोव है जो गांव के किसान चुबुकोव की बेटी नताल्या से प्रेम करता है और शादी की मंशा से शादी का प्रस्ताव लेकर उसके घर जाता है, लेकिन शादी के प्रस्ताव के पूर्व ही जमीन के विवाद को लेकर नताल्या और लोगों के बीच विवाद शुरू हो जाता है। झगड़े को लेकर दोनों एक दूसरे से नाराज रहते हैं, लेकिन मन ही मन प्रेम के चलते दोनों एक दूसरे से विवाह भी करना चाहते हैं और इसी कहानी पर नाटक का ताना-बाना बुना हुआ है।

मंचित नाटत में दिखाया गया कि परिवारों में विवाह संबंध बनाने की प्रवृत्ति असली उद्देश्य अपनी संपत्ति और ज़मीन- जायदाद बढ़ाना होता है। अंत में समझदारी की जीत होती है। आर्थिक समझदारी सुनिश्चित करती है कि प्रस्ताव रखा जाए। चुबुकोव इस अवसर को खोना नहीं चाहता। वह अपनी बेटी का हाथ लोमोव के हाथों में देता है। वह बिना समय बरबाद किए उन्हें आशीर्वाद देता है। हालाँकि, पुरानी आदतें कभी नहीं जातीं। नवविवाहित जोड़ा अपने विवाहित जीवन की शुरुआत एक नए झगड़े के साथ करता है। यह नाटक परिवार को एकजुटता का भी सन्देश देता है कि हमें पुरानी बातों को भूल कर नए रिश्तों को स्थान देना चाहिए।


अंग्रेजी भाषा के रूपांतरण के बाद भी वह नाटक को स्थानीय लोगों और परिवेश से जोड़ने में सफल रहा। मंच पर सभी कलाकारों ने अपने पात्र को बखूबी निभाया है। प्रकाश परिकल्पना निखिलेश कुमार मौर्य तथा कार्यक्रम का संचालन हिमानी रावत ने किया। इस अवसर पर केंद्र के अधिकारी, कर्मचारी व वरिष्ठ रंगकर्मी सहित काफी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।

AT Samachar
Author: AT Samachar

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