त्रिभवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
सनातन धर्म एवं संस्कृति की रक्षा में महाकुंभ का योगदान महत्वपूर्ण-शंकराचार्य अधोक्षजानंद
श्री आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद के महाकुंभ शिविर का भूमि पूजन संपन्न
प्रयागराज। श्री आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद के महाकुंभ मेला शिविर का भूमि पूजन शनिवार को हर्षवर्धन रोड, सेक्टर 18 स्थित कुंभनगर में किया गया। भूमि पूजन वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूर्वाम्नाय गोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गु़रू शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ के सान्निध्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि सनातन धर्म एवं संस्कृति की रक्षा तथा संवर्धन में महाकुंभ का योगदान महत्वपूर्ण होता है। महाकुंभ के दौरान साधु-संत विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक विषयों पर चिंतन-मनन कर समाज को दिशा निर्देश देते हैं। सदियों से यह परंपरा जारी है।
शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि इस बार भी महाकुंभ में साधु-संत विभिन्न विषयों पर विचार मंथन करेंगे। साथ ही राष्ट्र को संदेश देंगे। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु यहां आकर संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं। श्रद्धा एवं भक्ति का यह आध्यात्मिक समागम पूरी दुनिया में अनोखा है। यही सनातन संस्कृति की विशेषता है। शंकराचार्य ने कहा कि महाकुंभ की तैयारी जोरशोर से चल रही हैं। उन्होंने भव्य एवं दिव्य महाकुंभ की अद्भुत तैयारियों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की प्रशंसा की। साथ ही विश्वास व्यक्त किया कि इस बार का महाकुंभ अविस्मरणीय होगा।
शंकराचार्य ने कहा कि इस बार धर्मोत्थान संसद के महाकुंभ मेला शिविर में कई धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इस दौरान विद्वान साधु-संत धार्मिक विषयों पर प्रवचन देंगे। साथ ही अखंड भंडारे का आयोजन किया जायेगा। वहीं विद्वान आचार्यों की देखरेख में यज्ञादि धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होंगे।
इस अवसर पर निर्मोही अनी अखाडा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत राजेंद्र दास, जूना अखाडा के महंत मनोहर पुरी, बद्रीनाथ के बालक योगेश्वर दास, इलाहाबाद हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र सिंह, राज्य सूचना आयुक्त पीएन द्विवेदी, प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारी उपस्थित थे।