त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
महाकुंभ नगर। महाकुंभ 2025 के गंगा पंडाल में गुरुवार को संगीत, नृत्य और भारतीय संस्कृति के अद्भुत संगम ने श्रद्धालुओं और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भारतीय सेना के बैंड की संगीतमयी प्रस्तुति, विक्रम घोष का फ्यूजन संगीत और तनुश्री शंकर के भावपूर्ण नृत्य ने सांस्कृतिक कार्यक्रम में नई ऊंचाइयों को छुआ।
कार्यक्रम का आरंभ भारतीय सेना के जवानों द्वारा प्रस्तुत संगीतमयी धुनों से हुआ। गेरेन्डियर रेजिमेंटल सेंट्रल बैंड, जबलपुर और आर्मी एजुकेशन कॉर्प्स, पंचमणि के जवानों ने ‘रंग दे बसंती चोला’, ‘भारत हमको जान से प्यारा है’ और ‘जहां डाल-डाल पर’ जैसे गीतों की धुनों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया।
इसके पश्चात सुप्रसिद्ध तबला वादक और संगीतकार विक्रम घोष ने अपने फ्यूजन संगीत से पंडाल में समां बांध दिया। उन्होंने भगवान शिव को समर्पित संगीत से कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसमें तबला, मृदंगम, कीबोर्ड और सितार का अनूठा संयोजन प्रस्तुत किया। विक्रम घोष ने अपने प्रदर्शन से दर्शकों को रोमांचित कर दिया और भारतीय संगीत की उत्कृष्टता का परिचय दिया।
दूसरे सत्र में आंध्र प्रदेश के मल्लाड़ी ब्रदर्स, मल्लाड़ी श्रीराम प्रसाद और डॉ. मल्लाड़ी रवि कुमार ने कर्नाटक संगीत की प्रस्तुति दी। ‘राम कृष्ण गोविंदा’ और ‘तरंगे गंगे सदा शिव ब्रह्ममेंद्र’ जैसे भक्ति गीतों के माध्यम से उन्होंने दर्शकों को आंध्र प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी में अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त नृत्य निर्देशिका तनुश्री शंकर ने अपने नृत्य कौशल से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। उन्होंने हिमालय, सूर्योदय और भगवान शिव के भावनृत्य प्रस्तुत किए। उनके नृत्य में कथक और समकालीन नृत्य का अद्भुत संयोजन देखने को मिला।
कार्यक्रम के अंत में उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिषासी कमलेश कुमार पाठक ने सभी कलाकारों को अंगवस्त्र और महाकुंभ प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मानसी द्विवेदी ने कुशलता से किया।