ब्यूरो चीफ सुरेश भाटी की रिपोर्ट
ई-रिक्शाओं पर रूट डालने का जिम्मा एआरटीओ ने लेखराज नाम के प्राईवेट व्यक्ति को सौंपा,सवालों पर अफसरों ने साधी चुप्पी
बुलंदशहर। जहां एक तरफ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े निर्देश दिए हैं कि सरकारी दफ्तरों में और सरकारी कामकाज किसी भी हालत में बाहरी लोगों से ना कराया जाए। सीएम योगी के सख्त निर्देशों के बाद भी कई अफसरों के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है,और वे दफ्तर हो या फील्ड वर्क,हर जगह प्राईवेट लोगों के सहारे ही कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला जनपद बुलंदशहर से सामने आया है,जहां परिवहन विभाग के एआरटीओ प्रवर्तन राजीव बंसल के द्वारा शासन के आदेशों और नियम कायदों को मानों जूते की नोंक पर रखकर मनमानी से काम किया जा रहा है।जिसका जीता जागता उदाहरण गुरुवार को तब देखने को जब बुलंदशहर नगर क्षेत्र में यातायात व्यवस्था को सुधारने और लोगों को जाम के झाम से निजात दिलाने के लिए प्रशासन के द्वारा मोती बाग के मैदान में ई-रिक्शों पर रूट नंबर डालने के काम का जिम्मेदारी एआरटीओ प्रवर्तन राजीव बंसल के द्वारा लेखराज नाम के व्यक्ति को सौंपी गई थी। जिसपर एक होमगार्ड और एक ट्रैफिक पुलिस के सिपाही के साथ उक्त बाहरी व्यक्ति लेखराज बगैर किसी संविदा या सरकारी नौकरी के ही बाबू जी बनकर ई-रिक्शाओं की रजिस्टर में एंट्री कर ई-रिक्शाओं पर रूट नंबर डलवाता हुआ मीडिया के कैमरों में कैद हुआ।
ऐसे में सवाल उठता है कि सरकारी कामों को जब बाहरी लोग निपटाएंगे और यदि कोई गड़बड़ी होती है या सरकारी दस्तावेजों की गोपनीयता भंग होती है तो इसकी जिममेदारी कौन लेगा ? इस मामले में जब AT समाचार के रिपोर्टर द्वारा एआरटीओ प्रवर्तन राजीव बंसल से फोन पर बात की गई तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।