राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने पशुपालन,उच्च शिक्षा, वन और जनजातीय कार्य विभागों की राजभवन में समीक्षा बैठक की

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AT रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन भोपाल मध्यप्रदेश
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने गुरुवार को पशुपालन, उच्च शिक्षा, वन और जनजातीय कार्य विभाग की क्रमिक रुप से राजभवन में समीक्षा की। बैठक में जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव भी मौजूद थे। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि जनजातीय कल्याण कार्यक्रम क्रियान्वयन में अन्त्योदय का लक्ष्य रहें। जनजातीय समुदाय की सबसे पिछड़ी जनजाति, उसमें सबसे पिछड़े परिवार को हितलाभ देने में प्राथमिकता दी जाए।राज्यपाल ने जनजातीय कार्य विभाग की समीक्षा में कहा कि जनमन कार्यक्रम जनजातीय समुदायों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का अभूतपूर्व प्रयास है। जनजातीय परिवार को विकास की मुख्यधारा में जोड़ने का दुर्लभ अवसर है। आवश्यकता संवेदनशीलता के साथ लक्ष्य बनाकर समर्पित भाव से कार्य करने की है। उन्होंने कहा कि जनमन के तहत बनी कार्य-योजना के कार्य समय पर पूरे हों और उनकी गुणवत्ता उत्कृष्ट हो। उन्होंने सिकल सेल के संबंध में चर्चा के दौरान कन्या छात्रावास के रक्त परीक्षण में 78 प्रतिशत लड़कियों में रक्त अल्पता मिलने की जानकारी देते हुए, छात्रावासों में पौष्टिक भोजन के अनुसार मेन्यू तैयार करने की जरूरत बताई। उन्होंने जनमन के तहत संचालित मोबाइल मेडिकल वैन में सिकल सेल जांच और सिकल सेल औषधियों के वितरण की व्यवस्था किए जाने के लिए कहा है। जनजातीय विकासखण्डों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के परिसर में जन औषधि केन्द्र खोलने और केन्द्र संचालन की पात्रता पूरी करने वाले जनजातीय युवाओं को नियुक्त करने के लिए कहा है।जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने जनजातीय छात्रावासों के रहवासियों को हेल्थ कार्ड उपलब्ध कराने की बात कही है। बैठक में प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य गुलशन बामरा उपस्थित थे। पशुपालन एवं डेयरी विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय योजना क्रियान्वयन की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य पी.वी.टी.जी. जनजातियों को सतत आजीविका उपलब्ध कराना है। जरूरी है कि योजना में अति गरीब परिवारों को प्राथमिकता दी जाए। योजना राज्य सरकार के कार्यक्रम के रूप में पृथक से ही संचालित की जाए। किसी अन्य योजना अथवा कार्यक्रम में समावेशन नहीं किया जाए। राज्यपाल को बताया गया कि राजभवन के निर्देशानुसार जनसंख्या के अनुपात में लक्ष्यों का निर्धारण किया गया है। बैगा जनजाति के 30, सहरिया जनजाति के 374 और भारिया जनजाति के 30 हितग्राही परिवारों को 2-2 दुधारू पशुओं से लाभान्वित किया जा रहा है। पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और प्रमुख सचिव पशुपालन भी उपस्थित थे। राज्यपाल ने उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा में जनजाति प्रतिभाओं के टैलेंट पूल के ऑन एवं ऑफ लाइन सम्मेलनों के आयोजनों की जरूरत बताई है। जनजाति कल्याण योजनाओं केन्द्र सरकार के पोर्टल के साथ विभाग को संबंद्ध होने के लिए कहा है, जिससे योजनाओं के दोहरे लाभ की समस्या उत्पन्न नहीं हो। उन्होंने कहा कि जनजातीय आबादी के मान से विभागीय बजट के प्रावधान के संबंध में विचार किया जाना चाहिए। विभाग द्वारा जनजातीय युवाओं की खेल प्रतिभा और अभिरुचि के अनुसार केन्द्र सरकार के खेल प्राधिकरण के साथ समन्वय से किसी एक खेल को चयनित कर प्रोत्साहन का प्रयास समग्रता के साथ किया जाए। उन्होंने जनजातीय पदों के बैकलॉग के संबंध में भी चर्चा की। उच्च शिक्षा विभाग से अपेक्षा की है कि वह बैकलॉग के स्वरूप और पदों की पूर्ति में होने वाली समस्याओं को चिन्हांकित करें। पदों की पूर्ति के लिए योग्य जनजाति उम्मीदवारों की उपलब्धता कराने के प्रयासों का नेतृत्व करें। बैठक में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा आयुक्त उच्च शिक्षा उपस्थित थे।वन विभाग की समीक्षा में विभाग के अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सामुदायिक वन अधिकारों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विशेष पहल करें। आवश्यकता होने पर मानव संसाधनों की उपलब्धता के संबंध में विचार किया जाना चाहिए। राज्यपाल को बताया गया कि वन अधिकार अधिनियम के तहत पट्टे देने के प्रावधानों को सरलीकृत किया गया है। विभागीय स्तर पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार पट्टाधारियों को वन अधिकार अधिनियम के तहत पट्टे देने की कार्रवाई प्रचलित है। अपर मुख्य सचिव वन उपस्थित थे।

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