सुरेंद्र कुमार की रिपोर्ट
प्रयागराज। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से रंगमंच के प्रति रुचि पैदा करने के उद्देश्य से 40 दिवसीय प्रस्तुतिपरक रंगमंच कार्यशाला गुरूवार से सांस्कृतिक केंद्र परिसर में शुरू होगा, जिसमें चयनित प्रतिभागियों को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के वरिष्ठ प्रशिक्षकों द्वारा थियेटर के गुर सिखाए जाएगें।
कार्यशाला सुबह 8 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक चलेगी
इसमें प्रतिभागियों को मंच सज्जा, कास्ट्यूम डिजाइन, अभिनय तथा रंगमंच की भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। केंद्र निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने बताया कि इस रंगमंचीय कार्यशाला के लिए विभिन्न राज्यों से 247 आवेदन प्राप्त हुए , जिसमें दो सदस्यों की समिति द्वारा साक्षात्कार के माध्यम से 40 प्रतिभागियों का चयन किया गया है। जिसमें 18 प्रतिभागियों का चयन राजस्थान, बिहार, मुंबई, भोपाल, उड़ीसा से किया गया है तथा 22 प्रशिक्षुओं का चयन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, जौनपुर, बलरामपुर, लखनऊ, औरैया, प्रतापगढ़ विभिन्न जिलों से हुआ है, जिसमें 8 महिला प्रतिभागी भी शामिल हैं। प्रो. सुरेश शर्मा का कहना है कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नाटक कला में रुचि, निपुणता और प्रोफेशनलिज्म के साथ व्यक्तित्व के विकास को विकसित करना है। इससे स्थानीय सांस्कृतिक विरासत में नए प्रतिभागों की उत्पत्ति होती है, जो भविष्य में सांस्कृतिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
वर्कशाप में प्रतिभागियों को अभिनय की बारीकियों के साथ ही उनके भावभंगिमाओं पर भी ध्यान दिया जाएगा। नाट्य कार्यशाला में प्रतिभागियों को केवल थिएटर के संबंध में ही नहीं बल्कि थिएटर के दिग्गजों से भी रूबरू कराया जाएगा, जिससे युवा इन विधाओं में पारंगत होकर अपने भविष्य को संवार सकते हैं।