पिछले कई सालों से नगर निगम और जलकल अधिकारी बचाने का कर रहे थे प्रयास
लखनऊ। लखनऊ नगर निगम और जलकल विभाग के कई बड़े अधिकारियों पर एफ आई आर दर्ज करने का हुआ आदेश। फर्जी नियुक्ति मामले पर लखनऊ नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह समेत सात अधिकारियों पर दर्ज होगी एफआईआर।
वादी प्रमोद सिंह चौहान की न्याय याचिका विद्वान अधिवक्ता सुमन श्रीवास्तव एवं आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट के समक्ष की गई थी प्रस्तुत। खुद को ईमानदार कहे जाने वाले लखनऊ नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह एवं 6 अन्य जलकल कर्मचारियों पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का जारी हुआ आदेश।
इन पर दर्ज होगी एफआईआर
1- इंद्रजीत सिंह (लखनऊ नगर आयुक्त)
2- राम कैलाश गुप्ता (तत्कालीन लखनऊ जलकल प्रभारी महाप्रबंध)
3- शैलेंद्र कुमार वर्मा (पूर्व लखनऊ जलकल महाप्रबंधक)
4- अजय गुप्ता (पूर्व सेवानिवृत्त वित्त अधिकारी लखनऊ जलकल)
5- रमेश चंद्र (वर्तमान सचिव लखनऊ जलकल)
6- राघवेंद्र (पूर्व लखनऊ जलकल सचिव वर्तमान गोरखपुर जलकल महाप्रबंधक)
7- राजकुमार (पूर्व सेवानिवृत्ति लेखाकार लखनऊ जलकल)
धारा 156 (3) दंड प्रक्रिया संहिता (code of criminal procedure 1973 ) सीआरपीसी की धारा 157 में एफ आई आर दर्ज करने का हुआ आदेश। मुख्य न्यायाधीश मजिस्ट्रेट हृषिकेश पांडेय ने हजरतगंज कोतवाली को एफआईआर दर्ज करने के दिये आदेश।
लखनऊ नगर निगम में भी जांच के नाम पर हो रहा था झोल , झोल से दिख रहा था होल।
राजकुमार पूर्व सेवानिवृत्त लेखाकार द्वारा हाईस्कूल की फर्जी अंक पत्रावली लगा जलकल विभाग में नौकरी लेने के संबंध में शिकायतकर्ता ने कोर्ट में डाली थी न्याय याचिका।
वर्ष 2023 आरटीआई में हुआ खुलासा
हरिशचंद्र इंटरमीडिएट कॉलेज सदर लखनऊ प्रधानाचार्य ने राज्य सूचना आयोग पीठासीन अधिकारी को दी सूचना।
वर्ष 2023 में ही प्रधानाचार्य ने सूचना आयोग में दी थी सूचना
प्रधानाचार्य ने आरटीआई में लिखा वर्ष 1982 में माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा आवंटित छात्रों की अनुक्रमांक सूची में राजकुमार के हाई स्कूल अनुक्रमांक नहीं है सम्मिलित।
लखनऊ नगर निगम में जांच के नाम पर हो रहा था खेलवाड़
लखनऊ नगर निगम में तैनात मुख्य लेखा परीक्षक पिछले कई महीनों से जांच के नाम कर रहे थे टालमटोल। लखनऊ जलकल विभाग में फर्जी प्रपत्र लगा नौकरी हासिल करने वालो के जल्द ही और चेहरे होंगे बेनकाब।