त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
अनटैप्ड नालों से निकलने वाले पानी का अनिवार्य रूप बॉयो रिमेडिकल एवं जिओ ट्यूब के माध्यम से शोधन किए जाने के दिए निर्देश
Prayagraj: मुख्य सचिव ने शोधन के पश्चात निकलने वाले जल का नियमित रूप से थर्ड पार्टी से जांच कराते रहने के दिए निर्देशमहाकुंभ 2025 में आने वाले श्रद्धालुओं को स्वच्छ एवं निर्मल गंगा का पानी उपलब्ध कराने के दृष्टिगत राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को पानी की शुद्धता का सर्वे कर अपने ऑब्जर्वेशन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी हाई पावर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करने के दिए गए निर्देशों के क्रम में मंगलवार को मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में नैनी एसटीपी सभागार में बैठक संपन्न हुई, जिसमें नालों का शत-प्रतिशत शोधन करते हुए अपेक्षित बीओडी/सीओडी लेवल मेन्टेन करने हेतु सीपीसीबी द्वारा प्रस्तुत किए गए बिंदुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
बैठक में सीपीसीबी के अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किए गए डेटा पर चर्चा करते हुए मुख्य सचिव ने प्रयागराज के सभी एसटीपी पर किए जा रहे शोधन कार्यों के बारे में सभी आवश्यक जानकारी ली। तत्पश्चात उन्होंने जनपद में बिछी लगभग 1450 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन से सभी घरों एवं संस्थाओं को शत-प्रतिशत जोड़ने तथा किसी भी सीवर लाइन का पानी सीवेज पंपिंग स्टेशन अथवा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के अलावा किसी भी नाले में न गिरे यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि कोई भी नाला बिना शोधन के गंगा-यमुना में नहीं गिरना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो नाले अभी तक अनटैप्ड है, उनके जल का शोधन बॉयो रिमेडिकल एवं जिओ ट्यूब से अनिवार्य रूप से कराये जाने का निर्देश दिया है साथ ही साथ यह भी निर्देशित किया है कि शोधन के बाद जो जल निकलता है, उसका थर्ड पार्टी से अनिवार्य रूप से नियमित रूप से जांच कराये जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी कार्य पूर्ण कर उसका सर्टिफिकेट उनके समक्ष प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए हैं।
महाकुंभ-2025 के अंतर्गत अनुमोदित परियोजनाओं में गंगा प्रदूषण इकाई की भी 5 परियोजनाओं को अनुमोदन मिला है जिसमें 15 नालों की टैपिंग का कार्य सम्मिलित है। 2 नालों की टैपिंग का कार्य जलनिगम नगरीय द्वारा कराया जा रहा है। इसके पश्चात प्रयागराज के सभी 81 नाले टैप हो जाएंगे। वर्तमान में 39 नाले अनटैप्ड हैं, जिनमें से 22 नालों की टैपिंग के कार्यों को पहले ही स्वीकृति मिल चुकी थी तथा शेष 17 की टैपिंग के कार्यों कुंभ मद से अब कराये जा रहे हैं। इस अवसर पर सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।