मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का 21वां वार्षिक दीक्षांत समारोह 21 को।

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त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट

Prayagraj: मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद, प्रयागराज का 21वां वार्षिक दीक्षांत समारोह 2024, 21 नवंबर 2024 को प्रातः 10 बजे से आयोजित किया जाएगा जिसमें विभित्र पाठ्यक्रमों के छात्रों को डिग्री प्रदान की जाएगी।

डॉ. आनंद देशपांडे, संस्थापक और अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स पुणे-भारत ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होने और दीक्षांत समारोह को संबोधित करने की सहमति प्रदान किया है।

डॉ. विवेक लाल, अध्यक्ष, प्रशासकीय परिषद, दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता ऑनलाइन करेंगे।

प्रो. कैलाश राव एम, निदेशक योजना तथा वास्तुकला विद्यालय, भोपाल दीक्षांत समारोह के दौरान सम्मानित अतिथि होंगे।

संस्थान के निदेशक और सीनेट के अध्यक्ष प्रो. रमा शंकर वर्माः अधिष्ठाता (शैक्षिक) प्रो. एल.के. मिया, सीनेट सदस्य, शैक्षिक विभागों के प्रमुख, अधिष्ठाता और कुलसचिव (कार्यवाहक) डॉ. रमेश पाण्डेय इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।

उपाधियाँ

इस कार्यक्रम में कुल 1583 डिग्रियाँ, प्रदान की जाएँगी, जिनमें से 1059 वी.टेक., 345 एम. टेक., 112 एम.सी.ए., 27 एम.एससी., 32 एम.बी.ए., और 35 पी.एच.डी. स्कॉलर्स को उपाधियाँमिलेंगी। ये छात्र पूर्वोत्तर भारत, जम्मू और कश्मीर के राज्यों सहित पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। दीक्षांत समारोह के दौरान, डी.ए.एस.ए. (दासा) के माध्यम से प्रवेश पाने वाले 46 विदेशी छात्र (34 पुरुष और 12 महिला) और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद आई.सी.सी.आर. के माध्यम से प्रवेश पाने बाले 17 छात्र (14) पुरुष और 3 महिला) अपनी उपाधियाँ प्राप्त करेंगे।

पदक

नातकोत्तर छात्रों को 28 स्वर्ण पदक तथा स्रातक छात्रों को 10 स्वर्ण पदक दिए जाएंगे। इन स्वर्ण पदको के अतिरिक्त, संकाय, पुरा-छात्रों तथा उद्योगों द्वारा गठित 13 प्रायोजित स्वर्ण पदक छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदान किए जाएंगे।

सिविल इंजीनियरिंग के ऋषभ गुप्ता को वैच 2024 में उत्तीर्ण होने वाले सभी बी. टेक. अंतिम वर्ष छात्रों में सर्वश्रेष्ठ छात्र के रूप में समग्र संस्थान स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा।

बी.टेक. में वर्षवार स्वर्ण पदक श्रेणी में

वैभव कंसल (संगणक विज्ञान और अभियांत्रिकी विभाग), को तृतीय वर्ष के लिए,

आदित्य राज (संगणक विज्ञान और अभियांत्रिकी विभाग। तथा निशांत अग्रवाल (सूक्ष्मकणिका संचार अभियांत्रिकी विभाग) को द्वितीय वर्ष के लिए एवं सिद्धान्त प्रजापति (जानपद अभियांत्रिकी विभाग) को प्रथम वर्ष के लिए स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे।

नियोजन

संस्थान ने अपने अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए आकर्षक नियोजन (प्लेसमेंट) ऑफर हासिल करके वर्तमान समय में अपनी जगह बनाई है।

कुल ऑफर की संख्या 1398 प्लेसमेंट ब्रेकअप नियोजित छात्र

स्रातक : 86.05%

स्नातकोत्तर 62.98%

अधिकतम पैकेज 71.14 लाख प्रति वर्ष (कुल 6 छात्र चुने गए) अधिकतम पैकेज देने वाली कंपनी एप्पल [71.14 लाख प्रति वर्ष]

बी.टेक औसत पैकेज 15.05 लाख प्रति वर्ष है एवं 460 छात्रों ने बी.टेक. औसत से अधिक पैकेज हासिल किया है।

विशेष रूप से, 84 छात्रों ने 20-30 लाख प्रति वर्ष के बीच सी.टी.सी. हासिल किया। इसके अतिरिक्त, 68 छात्रों को 30-40 लाख प्रति वर्ष के बीच सी.टी.सी. के साथ ऑफर मिले, 12 छात्रों ने 40-50 लाख प्रति वर्ष के बीच ऑफर हासिल किया है, अन्य 8 छात्रों को 50-60 लाख प्रति वर्ष के बीच सी.टी.सी. के साथ ऑफर मिले, और 26 छात्रों ने 60 लाख प्रति वर्ष से अधिक के ऑफर हासिल किए।

कुछ प्रमुख कंपनियां, जिन्होंने छात्रों को नियोजित किया उसमे गूगल, एप्पल, ओरेकल, एटलसियन, आर्सेनियम, गोल्डमैन सैक्स, डीई शों, उबर, पालो ऑल्टो नेटवर्क्स, सेल्सफोर्स, टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स, अमेरिकन एक्सप्रेस, कालकॉम, बजाज ऑटो, मारुति सुजुकी, एल्सटॉम और एलएंडटी शामिल हैं। उल्लेखनीय रूप से, सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (सी-डॉट), इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ई.आई.एल.), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बी.पी.सी.एल.), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एच.पी.सी.एल.), ब्रह्मोस एयरोस्पेस जैसे प्रसिद्ध सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पी.एस.यू.) शामिल हैं।

बुनियादी ढांचा

संस्थान एक नए शैक्षणिक ब्लॉक के निर्माण की प्रक्रिया में है, जिसमें आधुनिक व्याख्यान थिएटर, प्रयोगशालाएँ और अन्य शैक्षणिक सुविधाएँ होंगी। कुछ प्रमुख विकासजिसमे 39.66 करोड़ की परियोजना लागत पर बहुमंजिला संकायइमारतों का निर्माण और 113.85 करोड़ की परियोजना लागत के साथ शैक्षणिक भवन (जी+6) के लिए नए ब्लॉक की योजना शामिल है। इसके अलावा, संस्थान के शैक्षणिक परिसर में 42.90 करोड़ की लागत से एक लेक्चर हॉल कॉम्प्लेक्स का निर्माण और लगभग 30.00 करोड़ की लागत से लगभग 800 छात्रों की क्षमता वाले लड़के और लड़कियों के लिए छात्रावास का निर्माण प्रक्रियागत है।

शोध एवं विकास

संस्थान को विभिन्न वित्त पोषण एजेंसियों/संगठनों जैसे कि एस.ई.आर.बी., डी.बी.टी., सी.एस.आई.जार.. आई.सी.एस.एस.आर., यू.पी.सी.एस.टी. लखनऊ, डी.आर.डी.ओ., आई.एस.आर.ओ., एम.एन.आर.ई., यू.पी.पी.सी.बी.. आदि से कई शोध परियोजनाएँ प्राप्त होती हैं। हमने एस.ई.आर.बी., डी.बी.टी., सी.एस.आई.आर., आई.सी.एस.एस.आर., डी.आर.डी.ओ., आदि जैसे प्रमुख संगठनों से कई शोध परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण प्राप्त किया है। संस्थान में वर्तमान में 87 वाह्य वित्त पोषित अनुसंधान परियोजनाएँचल रही हैं। 2023-25 में, 43 नई शोध परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, जिनकी लागत 9.7 करोड़ रुपये है। पिछले वर्ष, संस्थान ने 14 पेटेंट स्वीकृत किए हैं जो कार्य रूपान्तरण के लिए हमारे संकाय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारी परामर्श सेवाएँ 461 नई परामर्श सेवाओं के साथ उन्नतिशील रही हैं, जिसने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 8.69 करोड़ का राजस्व उत्पन्न किया हैं। यह हमारे संकायसदस्यों की विशेषज्ञता और उद्योग अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए हमारे संस्थान की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती हैं।

समझौता ज्ञापन

वर्ष 2023-24 में, संस्थान ने नैसकॉम फाउंडेशन, एच.सी.एल. टेक्रोलॉजीज, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन, भारत मौसम विज्ञान विभाग जैसे प्रमुख उद्योगों के साथ-साथ केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, सीएसआईआर- केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान और इलाहाबाद विश्वविद्यालय जैसे अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं।

शैक्षणिक

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का कार्यान्वयन अपने चौथे वर्ष में प्रवेश कर गया है, जिसमे सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के उपरांत नीति के अनुरूप कई सुधार शुरू किए गए हैं।

इनोवेशन एंड इनक्यूबेशन हब एम.एन.एन.आई.टी. फाउंडेशन (आई.आई.एच.एम.एफ.) प्रौद्योगिकी इनक्यूबेशन हब (डीएसटी) के परामर्श से संस्थान द्वारा प्रवर्तित एक पहल है और इस क्षेत्र में स्टार्टअप और उद्यमियों के विकास को सशक्त बनाने और तेज करने के लिए स्थापित किया गया है। आई.आई.एच.एम.एफ. की एक प्रमुख पहल, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डी.एस.टी.) द्वारा शुरू की गई आई. टी.बी.आई. (समावेशी प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर) योजना में इसकी भागीदारी है।

वही इस योजना के माध्यम से, आई.आई.एच.एम.एफ., पात्र स्टार्टअप को ₹10 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान करता है, जिससे वे अपने परिचालन को बढ़ा सकें, नए उत्पाद विकसित कर सकें और उन्हें बाजार में ला सकें। आई. टी.बी.आई. योजना के अतिरिक्त, आई.आई.एच.एम.एफ., उत्तर प्रदेश में भी स्टार्ट-इन पहल में भाग लिया है, जो उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा क्षेत्रीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया एक प्रमुख कार्यक्रम है।

आई.आई.एच.एम.एफ. ने संस्थान में दो दिवसीय उद्यमिता कार्यक्रम “एम.एन.एन.आई.टी. स्टार्टअप संगम 2024” का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना और अगली पीढ़ी के उद्यमियों को प्रेरित करना है। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि वर्तमान में, हम 18 इनक्यूबेटेड स्टार्ट-अप का समर्थन कर रहे हैं।

आउटरीच

बौद्धिक जिज्ञासा और सार्थक संवाद को बढ़ावा देने के लिए, हमारे संस्थान ने वर्ष 2023-24 के दौरान एस.ई.आर.बी., एस.पी.ए.आर.सी., एम.ओ.ई. जैसी एजेंसियों द्वारा प्रायोजित पाँच अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, 11 कार्यशालाएँ और साथ ही संकाय विकास कार्यक्रम, अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम और जी.आई.ए.एन्क पाठ्यक्रम सहित कई अन्य कार्यक्रम आयोजित किए।

संस्थान ने स्वच्छता पखवाड़ा, हिंदी पखवाड़ा और लिंग संवेदीकरण जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं, जिनमें सभी ने सामाजिक उत्तरदायित्वएवं समावेशी परिसर के माहौल को आकार देने में मदद की है।

छात्र क्रिया-कलाप केन्द्र

छात्र किया-कलाप केंद्र (एस.ए.सी.) हमारे छात्रों की पाठ्येतर और सह-पाठ्यचर्या गतिविधियों को सक्रिय रूप से बढ़ावा देता है। समएकी द्वारा आयोजित पाँच बार्षिक कार्यक्रमों में अविष्कारविनिमय को सक्रिय इत्लोजेन्स और वार्षिक खेल एवं एथलेटिक्स मीट शामिल हैं।

हमारी टीम, टेक्रोट्रॉन ने विंडोज बॉम्बे टेकफेस्ट में द्वितीय स्थान हासिल किया। 129 छात्रों का एक दल जिसने आई.आई.टी. बहगपुर के वार्षिक सांस्कृतिक महोत्सव में भाग लिया एवं कई पुरस्कार प्राप्त करके हमारे संस्थान को गौरवान्वित किया।

पुरा-छात्र

2024 में, पुरा-छात्र संघ ने आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के छात्रों का समर्थन करने के लिए अपने वित्तीय सहायता कार्यक्रम का विस्तार किया, जिससे अधिक जरूरतमंद लोगों के लिए शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित हुई। 1996 बैच के एक प्रतिष्ठित पुरा-छात्र ई. विजय वधावन ने मामान्य श्रेणी के ईडब्ल्यूएस छात्रों के लिए एम.एन.एन.आई.टी. पुरा-छात्र संघ (एम.ए.ए.) छात्रवृत्ति कोष में 15 लाख रुपये का दान दिया है।

1997 बैच ने संस्थान के स्वास्थ्य केंद्र के लिए फिजियोथेरेपी के 12 आवश्यक उपकरणों की खरीद को विधिवत सक्षम बनाया है। इसके अतिरिक्त, इस वर्ष एक साप्ताहिक मेंटरशिप कार्यक्रम की शुरुआत हुई, जहाँ पुरा-छात्र हर रविवार को छात्रों के साथ अपने अनुभव और अंतर्दृष्टि साझा करने के लिए जुड़ते हैं, जिससे छात्रों को अपने कौशल क विकसित करने, नवाचार को बढ़ावा देने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने में भी मदद मिलती है।

AT Samachar
Author: AT Samachar

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