त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
एनसीजेडसीसी में रविवार से 12 दिवसीय राष्ट्रीय शिल्प मेले का होगा आगाज
Prayagraj: उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से एक दिसंबर से आयोजित होने जा रहे राष्ट्रीय शिल्प मेले में विभिन्न राज्यों के लोकगीतो एवं लोकनृत्यों की बहुरंगी छटा दिखाई देगी। 12 दिसंबर तक चलने वाले इस मेले में एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत कई रंगारंग कार्यक्रम होंगे। शिल्प मेला न केवल देशभर के कलाकारों और शिल्पकारों को एक मंच प्रदान करता है, बल्कि भारतीय परंपराओं और विरासत की झलक भी पेश करता है।
शिल्प और स्वाद का अनूठा उत्सव
मेले में विभिन्न राज्यों के प्रसिद्ध हस्तशिल्प, कपड़े, आभूषण, लकड़ी के उत्पाद और पारंपरिक पेंटिंग्स प्रदर्शित करेगें। उत्तर प्रदेश सहित 22 राज्यों के शिल्पकार अपने शिल्प उत्पादों का प्रदर्शन करेंगे, जिसमें राजस्थान के ब्लू पॉटरी से लेकर वाराणसी की रेशमी साड़ियां तथा बंगलूरू के हैण्डलूम पूरे सिल्क फैब्रिक और मध्यप्रदेश के हाथ की कढ़ाई के कोटा यूपी, झारखंड, बिहार के रेशमी कपड़े, शॉल, जयपुरी रजाई, कई राज्यों के स्टोन ज्वेलरी जैसे अन्य उत्पाद भी देखने को मिलेंगे। हर कारीगरी में भारत की विविधता दिखाई देगी इसके साथ ही आगंतुक गुजरात, राजस्थान, बिहार सहित विभिन्न प्रांतों के व्यंजनों का स्वाद भी चख सकेंगे।
लोकनृत्यों और सुगम संगीत से सजेगी शाम
यह मेला पिछले कई वर्षों से प्रयागराज के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। हर दिन देश के कई राज्यों से आए लोक कलाकार मुक्ताकाशी मंच पर रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां से अपने संस्कृति से रूबरू कराएंगे। केंद्र के प्रभारी निदेशक आशिस गिरि ने बताया कि मेले में युवा पीढ़ी को आदिवासी, लोक, शास्त्रीय, उपशास्त्रीय गायन-वादन के साथ ही नृत्य से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।
मैदानी कलाकार होगें आकर्षण का केंद्र
राजस्थान के मैदानी कलाकार नटबाजी, हरियाणा का बम रसिया और राजस्थान का चकरी नृत्य की प्रस्तुति से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे।
निकाली जाएगी शोभा यात्रा
1 दिसंबर रविवार को दोपहर 2 बजे से शोभा यात्रा केंद्र परिसर से निकाली जाएगी, जो एजी ऑफिस होते हुए सुभाष चौराहा पहुंचेगी, जहां व्यापार मंडल द्वारा कलाकारों का भव्य स्वागत किया जाएगा।