सप्ताह के दो दिन आती हैं पूरामुफ्ती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा प्रभारी।

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उच्च न्यायालय के रोक लगाए जाने के बाद भी सरकारी डॉक्टर निजी नर्सिंग होम संचालक में मशगूल

प्रयागराज। पूरामुफ्ती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा प्रभारी पूजा सिंह सप्ताह के दो दिन शनिवार और बुधवार को रोगियों की सेवा के लिए सरकारी अस्पताल में कुछ घंटे के लिए दिखाई पड़ती हैं बाकि दिन कहां गायब रहती हैं जांच का विषय है। लोगों की माने तो यह निजी नर्सिंग होम में सेवा देती हैं, जबकि उच्च न्यायालय ने सरकारी डॉक्टर के निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाए जाने का निर्देश दिया। लेकिन उच्च न्यायालय का आदेश भी उनके लिए कोई मायने नहीं रखता है। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने भी सरकारी डॉक्टर के निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाने का निर्देश दिया लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी इनके ऊपर स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव का भी असर नहीं दिखाई पड़ रहा है जिससे सरकारी अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है।

सोमवार के दिन AT SAMACHAR की टीम स्वास्थ्य व्यवस्था का जायजा लेने के लिए पूरामुफ्ती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंची, जहां पर डाक्टर बालेंद्र के अलावा कोई भी स्टाफ मौजूद नहीं मिले। पूरामुफ्ती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की सेवा के लिए चिकित्सा प्रभारी सहित कुल चार स्टाफ की नियुक्ति की गई है, जिसमें प्रभारी पूजा सिंह, लैब टेक्नीशियन सीमा और फार्मासिस्ट गजेन्द्र अनुपस्थित रहे हैं। डाक्टर बालेंद्र अकेले ही मरीजों की देखभाल और दवा वितरण में लगे थे। पूरामुफ्ती स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सा प्रभारी सप्ताह के सातो दिन न आने से स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो रही है।

सूत्रों की माने तो पूरामुफ्ती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी पूजा सिंह के पति भी डाक्टर हैं और उनका प्रयागराज शहर में एक निजी चर्चित नर्सिंग होम संचालित हो रहा है। जहां पर सप्ताह के पांच दिन वहीं पर इलाज करती हैं जिससे पूरामुफ्ती प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य व्यवस्था चौपट हो गई है। सरकारी डॉक्टर के निजी अस्पताल संचालन का यह मामला बेहद गंभीर है और इस मामले में जिलाधिकारी ने जांच कराई तो सरकारी डॉक्टर की मुसीबत बढ़ सकती है।

AT Samachar
Author: AT Samachar

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