त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। बाबा साहब अम्बेडकर जी के नेतृत्व में संविधान सभा ने भारत के नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय देने का संकल्प लिया। जिस तरह राजनीतिक क्षेत्र में एक व्यक्ति का एक वोट एक मूल्य स्थापित हो चुका है उसी तरह सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में एक व्यक्ति का एक मूल्य स्थापित हो, ताकि हर क्षेत्र में सबको समान अवसर मिल सके यही लोकतंत्र का सिद्धांत है और संविधान का उद्देश्य भी है जो देश के समस्त भूमि एवं उद्योगों के राष्ट्रीयकरण से संभव हो पाएगा।
बाबा साहब के सपनों का संविधान स्टेट एंड माइनॉरिटी किताब में लिखा है कि भारत में वास्तविक लोकतंत्र स्थापित करना है तो समस्त नागरिकों को आर्थिक-सामाजिक न्याय देना है तो देश के समस्त भूमि एवं उद्योगों का राष्ट्रीयकण करना होगा ताकि समस्त नागरिकों को योग्यता के अनुसार भूमि मिल सके योग्यता के अनुसार नौकरी में मिल सके तथा कोई किसी का शोषण न कर सके ना ही देश में भुखमरी गरीबी लाचारी रहे।
राष्ट्र निर्माता विश्व के महानतम अर्थशास्त्री बाबा साहब अम्बेडकर जी की आर्थिक सोच एवं संविधान की मूल भावना के अनुसार देश के समस्त भूमि को भारत सरकार राष्ट्रीयकरण करके सभी नागरिकों को योग्यता के अनुसार भूमि एवं नौकरी प्रदान करें ताकि देश में बेरोजगारी भुखमरी शोषण हिंसा समाप्त होकर सभी को सामाजिक, आर्थिक न्याय मिल सके तथा भारत गणराज्य विकसित खुशाल संपन्न राष्ट्र बन सके।
