त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। रोटरी प्रयागराज प्लैटिनम क्लब द्वारा होटल रामा कॉन्टिनेंटल, सिविल लाइंस, प्रयागराज में मदर्स डे के पावन अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मातृत्व के निःस्वार्थ प्रेम, त्याग और आदर्श को समर्पित था।
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान के साथ हुआ। क्लब की ओर से सभी मातृस्वरूप महिलाओं को उपहार देकर सम्मानित किया गया। इस भावभीने आयोजन में क्लब के सदस्यों ने माताओं के प्रति आभार व स्नेह प्रकट करते हुए अपनी भावनाये व्यक्त की। क्लब के अध्यक्ष रोटेरियन शशांक जैन ने कहा, “माँ केवल जन्म नहीं देती, वह जीवन को आकार भी देती है। इस आयोजन के माध्यम से हम सबने माँ के प्रति अपनी भावनाएं प्रकट करने का छोटा-सा प्रयास किया है।”
कार्यक्रम संयोजिका रोटेरियन जया मित्तल ने बताया, “हमारा उद्देश्य था कि क्लब की हर महिला सदस्य, जो किसी न किसी रूप में माँ हैं, उन्हें सम्मानित कर उनके योगदान को सार्वजनिक रूप से सराहा जाए।” चार्टर प्रेसिडेंट रोटेरियन रितेश सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा, “माँ के बिना जीवन की कल्पना अधूरी है। यह आयोजन न केवल भावनात्मक रूप से समृद्ध था बल्कि रोटरी के सामाजिक सरोकारों को भी दर्शाता है।” कार्यक्रम के मंच संचालक रोटेरियन डॉ. प्रतीक पांडेय ने कार्यक्रम को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया और भावनात्मक लम्हों को सुंदर शब्दों में पिरोया। धन्यवाद ज्ञापन रोटेरियन संजय तलवार ने करते हुए सभी अतिथियों, सदस्यों और आयोजकों को धन्यवाद दिया और कहा, “इस आयोजन ने सभी के दिलों को छू लिया। क्लब को इस तरह के आयोजनों के माध्यम से समाज को सकारात्मक संदेश देना चाहिए।”
इस अवसर पर क्लब के आगामी सत्र 2025-26 के नवनिर्वाचित बोर्ड की घोषणा भी की गई, जो 1 जुलाई 2025 से कार्यभार ग्रहण करेगा। सभी नवगठित पदाधिकारियों को क्लब की ओर से शुभकामनाएं दी गईं। मीडिया प्रभारी रोटेरियन मनीष गर्ग ने कार्यक्रम की जानकारी साझा करते हुए कहा, “माँ के प्रति भावनाएं हर व्यक्ति के दिल में होती हैं। इस आयोजन ने उन भावनाओं को शब्दों व सम्मान में बदलने का कार्य किया। रोटरी प्रयागराज प्लैटिनम समाज के हर वर्ग के लिए इसी तरह के संवेदनशील आयोजनों के लिए प्रतिबद्ध है।”
कार्यक्रम में क्लब के सभी सदस्यों के साथ-साथ गणमान्य अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। यह आयोजन न केवल एक सम्मान समारोह था, बल्कि माँ के प्रति समर्पण का सार्वजनिक उत्सव बन गया।
