देवेन्द्र कुमार जैन की रिपोर्ट
भोपाल, मध्य प्रदेश। एक प्रमुख पहल के तहत,भारत निर्वाचन आयोग निर्वाचकों और इनके अन्य हितधारकों जैसे चुनाव पदधारियों, राजनीतिक दलों और नागरिक समाज के लिए एक नया उपयोगकर्ता अनुकूल डिजिटल इंटरफ़ेस विकसित कर रहा है। यह नया वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म, ईसीआई- नेट,आयोग के 40 से अधिक मौजूदा मोबाइल और वेब एप्लिकेशनों को एकीकृत करेगा और अनुकूल बनाएगा ईसीआई-नेट में एक सुंदर यूजर इंटरफेस और एक सरलीकृत यूजर एक्सपीरियंस होगा, जो चुनाव- संबंधित सभी गतिविधियों के लिए एक एकल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा। यह प्लेटफ़ॉर्म उपयोगकर्ताओं को कई ऐप डाउनलोड करने और नेविगेट करने तथा अलग-अलग लॉगिन याद रखने के बोझ को कम करने के लिए भी डिज़ाइन किया गया है।
इस प्लेटफॉर्म की परिकल्पना भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने निर्वाचन आयुक्तों की उपस्थिति में मार्च 2025 में आयोजित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) के सम्मेलन के दौरान की थी। ईसीआई-नेट उपयोगकर्ताओं को अपने डेस्कटॉप या स्मार्टफ़ोन पर सुसंगत चुनावी डेटा तक पहुँचने में भी सक्षम बनाएगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि डेटा यथासंभव सटीक है, ईसीआई- नेट पर डेटा केवल आयोग के अधिकृत पदधारी द्वारा दर्ज किया जाएगा। संबंधित पदधारी द्वारा की गई प्रविष्टि से यह सुनिश्चित होगा कि हितधारकों को उपलब्ध कराया गया डेटा यथासंभव सटीक है। हालांकि, किसी भी विवाद के मामले में, सांविधिक फॉर्मों में विधिवत भरा गया प्राथमिक डेटा ही मान्य होगा। ईसीआई-नेट में वोटर हेल्पलाइन ऐप, वोटर टर्नआउट ऐप, सी-विजिल, सुविधा 2.0, ईएसएमएस, सक्षम और केवाईसी ऐप जैसे मौजूदा ऐप शामिल होंगे, जिन्हें कुल मिलाकर 5.5 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है ऐप्स की पूरी सूची संलग्न है।
ईसीआई-नेट से लगभग 100 करोड़ निर्वाचकों और सम्पूर्ण चुनावी तंत्र को फायदा मिलने की उम्मीद है, जिसमें देश भर के 10.5 लाख से ज्यादा बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ), राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त लगभग 15 लाख बूथ लेवल एजेंट (बीएलए), लगभग 45 लाख मतदान पदधारी, 15,597 सहायक निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी , 4,123 ईआरओ और 767 ज़िला चुनाव अधिकारी शामिल है । ईसीआई-नेट के माध्यम से उपलब्ध कराए गए आंकड़े लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, 1951, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 तथा निर्वाचनों का संचालन नियम,1961 और आयोग द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों द्वारा स्थापित कानूनी ढांचों के सख्त दायरे के भीतर होंगे तथा इसके अनुरूप होंगे।