टीएन शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। गंगा दशहरा के अवसर पर संगम नगरी प्रयागराज में गंगा आरती की नई परंपरा शुरू की गई थी। खास बात यह है कि गंगा आरती कन्याओं के माध्यम से सम्पन्न कराई गई। संगम महाआरती समिति का दावा है कि ऐसी गंगा आरती विश्व में पहली बार शुरू की गई है।
वही इस कार्यक्रम के अंतर्गत आज गंगा अवतरण दिवस के अवसर पर छट्टी कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहाँ श्रद्धालुओं ने गंगा आरती के साथ विशाल भंडारे का आयोजन किया। महाआरती की ओर से कुंभ 2025 के अवसर पर भी भव्य कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी चल रही है। सनातन मान्यता के अनुसार गंगा अवतरण के दिन प्रयागराज में गंगा दशहरा मनाया जाता है। आस्था है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है, उसके बाद जिस तरह से जन्म के छठे दिन छट्टी कार्यक्रम किया जाता है आज कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।। संगम महाआरती समिति, जिला प्रशासन और माघ मेला प्राधिकरण के साथ सहयोगी संस्था जय त्रिवेणी जय प्रयाग समिति के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को गंगा दशहरा के छठे दिन गंगा आरती के साथ ही संपन्न हो गया।
खास रही कन्याओं की गंगा आरती
संगम महाआरती समिति की ओर से इस साल से गंगा आरती की नई परंपरा शुरू की गई। गंगा आरती अभी तक बटुक ब्राह्मण करते रहे हैं, लेकिन इस बार गंगा दशहरा के अवसर पर कन्याओं द्वारा आरती पूजन और वैदिक अनुष्ठान किया गया है। संगम महाआरती समिति के अध्यक्ष प्रदीप पांडेय के अनुसार अब गंगा आरती कन्याएं ही सम्मपन्न कराएंगी। यह हम सबके लिए सौभाग्य की बात है कि गंगा आरती की ऐसी परंपरा विश्व में पहली बार हो रही है। इस बार कुंभ के आयोजन में भी कन्याओं और महिलाओं की खास भूमिका होगी।
