Search
Close this search box.

सम्मेलन के दूसरे दिन असाध्य रोगों पर हुआ विचार-विमर्श।

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

26वें राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में आज पढ़े गये 20 शोध पत्र

त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट

Prayagraj: एक्यूप्रेशर संस्थान के राष्ट्रीय सम्मेलन का आज दूसरा दिन था। कार्यक्रम दो सत्रों में विभाजित था। प्रथम सत्र में 12 और दूसरे सत्र में 8 शोध पत्र पढ़े गए सभी किसी न किसी असाध्य रोगों पर आधारित थे और एक्यूप्रेशर के उपचार प्रबन्ध पर आधारित थे। जिन शोध पत्रों पर विशेष चर्चा की गयी उनमें दिल्ली से आये ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. वी.एम. कोहली सूर्य की किरणों का शरीर पर प्रभाव और एक्यूप्रेशर की रंग चिकित्सा’, अर्चना त्रिवेदी कासाइलेन्ट हॉर्ट अटैक’, सुनील मिश्रा का कब्ज’, रमोला मदनानी काकैंसर’, सहरोज रिजवी का `ह्रदय रोग’ पर आधारित शोध पत्र था।

द्वितीय सत्र में मुख्य अतिथि जस्टिस राहुल चतुर्वेदी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि एक्यूप्रेशर विधा को शीघ्र मान्यता की आवश्यकता है। ऐसी सरल सस्ती विधा हर घर में किसी एक को सीखनी चाहिए। यह स्वास्थ्य के साथ स्वरोजगार का भी बेहतर साधन सिद्ध हो सकता है।

संस्थान के अध्यक्ष जे.पी. अग्रवाल ने पढ़े गये शोध पत्रों को एक्यूप्रेशर की पृष्ठभूमि कैसे परखें इस पर अपने विचार विस्तार से रखें। कार्यक्रम आज पढ़े गये शोध पत्रों में उत्कृष्ट तीन शोध पत्र पुरस्कृत किये गये जो कि एक्यूप्रेशर पत्रिका `सरस्वती’ के अगले अंक में प्रकाशित किया जायेगा।

कार्यक्रम में आज जिन मुख्य लोगों की सहभागिता रही उनमें निदेशक ए.के. द्विवेदी, आलोक कमलिया, एम.एम. कूल, सहरोज रिजवी, एस.के. गोयल, अनिल शुक्ला, अभय त्रिपाठी, सुनील मिश्रा, विशाल जायसवाल, अर्चना त्रिवेदी, अनिल सिंह सहित ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से लगभग 950 लोग शामिल हुए। ज्ञात हो कि कल सम्मेलन का आखिरी दिन होगा पूरे दिन वर्ष भर के शोध कार्यों पर विचार-विमर्श किया जायेगा।

AT Samachar
Author: AT Samachar

Leave a Comment

और पढ़ें

  • Buzz4 Ai
  • Ai / Market My Stique Ai
  • Earn Yatra

Read More Articles