त्रिभुवन नाथ शर्मा की रिपोर्ट
प्रयागराज। प्रयागराज एक्यूप्रेशर संस्थान के निदेशक ए.के. द्विवेदी के नेतृत्व में गई एक्यूप्रेशर विशेषज्ञों की टीम सफल कार्यशाला के बाद दिल्ली से आज वापस आ गई। केन्द्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद् द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला के आमंत्रण पर संस्थान की टीम दिल्ली गई थी। जहाँ पर परिषद् के निदेशक डॉ. राघवेन्द्र राव एम. के आग्रह पर प्रथम दिन प्राकृतिक चिकित्सों को इस विधा से जोड़ने के उद्देश्य से प्राकृतिक चिकित्सोंको के लिए विशेष प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
जिसमें सादृश्यता के आधार पर प्रारंभिक उपचार की जानकारी उन्हें दी गई। जो कि वह अपने प्राकृतिक चिकित्सा के उपचार के साथ प्रयोग करेंगे। जबकि दूसरे दिन के कार्यशाला में साक्ष्य आधारित उपचार प्रबंधों को प्रस्तुत किया गया। इन उपचार प्रबंधों को सभी चिकित्सकों ने बहुत बारीकि से समझने का प्रयास किया।
कार्यशाला के दौरान प्रस्तुत किये गये उपचार प्रबंध और उसकी प्रमाणिता के आधार पर की गयी प्रस्तुति परिषद् के निदेशक एवं सभी प्राकृतिक चिकित्सों ने अत्यधिक पसंद किया। उन्होंने संस्थान के निदेशक ए.के. द्विवेदी के इस प्रकार के उपचार प्रबंधों का साक्ष्य आधारित संकलन संस्थान द्वारा उपलब्ध कराने का आग्रह किया। जिसे वह परिषद् के माध्यम से आयुष मंत्रालय के पटल पर प्रस्तुत कर सकें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नि:संदेह यह विधा प्राकृतिक चिकित्सा के साथ मिलकर आरोग्य की दिशा में क्रांति ला सकती है। इस दिशा में आगे बढ़ते हुए उन्होंने यथाशीघ्र एक बड़ी कार्यशाला आयोजित करने का आश्वासन भी दिया।
समापन के अवसर पर परिषद् के निदेशक ने सभी एक्यूप्रेशर विशेषज्ञों को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। संस्थान की ओर से निदेशक ए.के. द्विवेदी ने भी उन्हें एक्यूप्रेशर साहित्य एवं शॉल के द्वारा सम्मानित किया।
इस अवसर पर आलोक कमिलया, प्रभात वर्मा, विशाल जायसवाल, राष्ट्रीय समन्वयक एस.के. गोयल, रमोला मदनानी, अखिलेश सिंह एवं जितेन्द्र सहित लगभग 100 चिकित्सक मौजूद थे।